एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह को रोक दिया है।

एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह को रोक दिया है तथा झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध पर भी इसी तरह के कदम उठाने की योजना बना रहा है। यह कदम भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए बर्बर आतंकवादी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद उठाया गया है, जहां बैसरन मीडोज में आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इस संधि पर 1960 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान ने दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर किए थे। इसे अक्सर दो शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों के बीच शांतिपूर्ण सहयोग के एक दुर्लभ उदाहरण के रूप में सराहा जाता है। यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि इस संधि ने भारत और पाकिस्तान के बीच तीन युद्धों – 1965, 1971 और 1999 में झेले हैं, लेकिन अब इसे अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया है। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी प्रणाली के वितरण को नियंत्रित करती है।