आईएलएंडएफएस : कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की

नई दिल्ली| आईएलएंडएफएस संकट को भारत का लेहमन ब्रदर्स क्षण करार देते हुए कांग्रेस ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में कई एजेंसियों द्वारा इसमें अनियमितता की जांच की मांग की और कहा कि इसने भारत को आर्थिक रूप से ढहने के मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है।

आईएलएंडएफएस : कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रकचर डेवलपमेंट और फाइनेंस कंपनी आईएलएंडएफएस समूह पर 31 मार्च, 2018 तक कुल 91,000 करोड़ रुपये का कर्ज था और कंपनी इस हालत में नहीं थी कि वह उसका भुगतान कर सके, ऐसे में कंपनी भुगतान से चूक करने लगी।

तिवारी ने सवाल उठाया कि जिस कंपनी में सरकार की 40 फीसदी हिस्सेदारी है, उसे 91,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने कैसे दिया गया। उन्होंने कहा, “यह बेहद गंभीर और कई एजेंसियों द्वारा जांच करने लायक मामला है, जिसकी निगरानी सर्वोच्च न्यायालय के तहत होनी चाहिए।”
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आईएसएंडएफएस लि. में एलआईसी की 25.34 फीसदी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की 7.67 फीसदी और भारतीय स्टेट बैंक की 6.42 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा इसमें जापान की ओरिक्स कॉर्प की 23.5 फीसदी और अबुधाबी की निवेश विभाग की 12.5 फीसदी हिस्सेदारी है।

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