आईआईटी के छात्र देंगे बेरोजगारों को प्रशिक्षण, ‘चलो अंधेरा भगाएं’ कार्यक्रम की हुई शुरुआत

रुड़की। आईआईटी-रुड़की के सालाना तीन दिवसीय प्रौद्योगिकी महोत्सव ‘कॉग्निजेंस’ में गंगा की सफाई और बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षण देने संबंधी कई पहलों पर चर्चा की गई।कॉग्निजेंस-2018 के मुख्य विषयों में विकास वृद्धि कार्यक्रम, गंगा कायाकल्प परियोजना और अंधेरे को समाप्त करना शामिल है।

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के एसोसिएट डीओएसडब्लयू (छात्र गतिविधियां) एम.के. बरुआ ने बताया, “हमने बहुत से बेरोजगार युवाओं की मदद करने के लिए प्रीतम शिक्षा फाउंडेशन के साथ सहयोग किया है, ताकि तीन महीने का प्रशिक्षण देकर उनमें कौशल का विकास किया जा सके।”

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इसके अलावा शुक्रवार से शुरू हुए महोत्सव में 75 कंपनियों के साथ और भी कई पहलों को अपनाया है। इन्हीं कंपनियों ने महोत्सव को प्रायोजित किया है। अपने सामाजिक पहल कार्यक्रम ‘चलो अंधेरा भगाएं’ के तहत उत्तराखंड नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के साथ छात्रों ने उत्तराखंड के कुंदी और लखनौता के दूर दराज गांवों में एलईडी बल्ब भी वितरित किए।

बरुआ ने कहा, “हमने इन इलाकों में अंधेरे को समाप्त करने के मकसद से कुंदी जिले में 46 और लखनौता गांव में 72 एलईडी बल्ब वितरित किए।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हमें हमारे देशवासियों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और बड़ी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों की क्षमताओं की उन्नति का प्रयोग करना चाहिए।”

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उन्होंने कहा कि कॉग्निजेंस देशभर के लोगों को जागरूक करने की एक पहल है, ताकि वे इस मिशन में अपने समय व प्रयासों के योगदान और समर्थन देने को अपना परम कर्तव्य मानें।

आईआईटी-रुड़की के निदेशक अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि कॉग्निजेंस एक ऐसा मंच है, जिसका मकसद छात्रों के बीच उद्यमिता कौशल को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा, “एक सफल उद्यमी बनने के लिए एकाग्रता, नवाचार और संचार की जरूरत होती है..छात्र यह सभी महत्वपूर्ण कौशल टेक फेस्ट में सीख सकते हैं।”

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