Health Updates : क्यों आती है हिचकी, लगातार आना है खतनाक, हो जाएं सावधान

Health Updates : अक्सर जब किसी व्यक्ति को हिचकी आती है तो लोग मजाकिया अंदाज में कहते हैं कि कोई याद कर रहा है। वहीं कुछ लोग कहते हैं हिचकी आने पर पानी पीते हैं। हिचकी से जुड़ी कई मीथ भी है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिचकी क्यों आती है इसके पीछे का कारण क्या है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

हिचकी आना मानव शरीर की एक प्रक्रिया है। एक्सस्पर्ट के अनुसार हिचकी का संबंध सीधे सांस से है। जान इंसान के बॉडी में पाचन या स्वसन तंत्र में गड़बड़ी और अत्यधिक हलचल होती है तो हिचकी आना शुरू हो जाता है। पेट और फेफड़ों के बीच स्थित डायाफ्राम और पसलियों की मांसपेशियों में कॉन्ट्रक्शन होने के कारण हिचकी आती है। आमतौर पर जब आप सांस लेते हैं तो डायाफ्राम इसे नीचे की ओर खींचता है और श्वास छोड़ने पर यह आराम की स्थिति में वापस आ जाता है। डायाफ्राम के सिकुड़ने से फेफड़े तेजी से हवा खींचने लगते हैं जिससे व्यक्ति को हिचकी आने लगती है। वही हिचकी आने का कारण पेट से भी संबंध है। अगर भोजन अधिक खा लेते हैं तो पेट बहुत ज्यादा फूल जाता है तो इससे भी हिचकी आती हैं।

हिचकी आने पर क्या करें?

आपने अक्सर देखा होगा कि जब हिचकी आती है तो लोग पानी पिया करते हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि पानी पीने के बावजूद भी हिचकी खत्म नहीं होती है। ‌अगर इस तरह की परिस्थिति बने तो आप चीनी का सेवन करें। इसके बाद हिचकी आनी बंद हो जाएगी। अगर आपको तेज और लगातार हिचकी आ रही है तो पानी में चीनी और नमक मिलाकर पीने से कुछ देर में हिचकी बंद हो जाती है।

हिचकी 2 दिन लगातार आने लगे तो क्या?
वैसे तो हिचकी आना एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर यही हिचकी लगातार 2 दिनों तक आ जाए तो फिर सावधान हो जाना चाहिए। अगर हिचकी 2 दिन या इससे अधिक दिनों तक आ रही है तो आपको सबसे पहले अब डॉक्टर से मिलना चाहिए। विशेषज्ञों की माने तो, अगर लगातार महीने भर हिचकी आती है तो इसे इंट्रेक्टेबल हिचकी कहते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक 2 दिनों से ज्यादा हिचकी या महीने भर आने वाली हिचकी यह एक गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या का संकेत दे सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार ज्यादा चिंतन, अधिक अल्कोहल का सेवन, स्मोकिंग, मसालेदार खाना या फिर बहुत ज्यादा भोजन करने से भी ऐसी समस्या देखने को मिलती है। हिचकी लगातार आने लगे और नहीं रुके तो फेफड़ों में रक्त का थक्का बना सकता है या फिर अर्थराइटिस की वजह बन सकती है।

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