दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमला: मिली जेड श्रेणी सुरक्षा, आरोपी राजेश को इतने दिन की पुलिस रिमांड

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हुए हमले के बाद उनकी सुरक्षा को और सख्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने उन्हें जेड श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान की है।

वहीं, हमले के आरोपी राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया को दिल्ली पुलिस ने पांच दिन की रिमांड पर लिया है। आरोपी को देर रात दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका में एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, न कि तीस हजारी कोर्ट में।

बुधवार सुबह साप्ताहिक जनसुनवाई के दौरान सीएम के सिविल लाइंस स्थित कैंप कार्यालय में राजेश ने फरियादी बनकर प्रवेश किया। उसने मुख्यमंत्री को कुछ कागज सौंपे और फिर अचानक चिल्लाते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी। इसके बाद उसने सीएम का हाथ और बाल पकड़कर धक्का-मुक्की की। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि आरोपी ने सीएम को थप्पड़ मारा, हालांकि दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस बात से इंकार किया। हमले में सीएम को सिर, कंधे और हाथ में चोटें आईं। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी को तुरंत पकड़ लिया और भीड़ ने उसकी पिटाई कर दी।

पुलिस ने राजेश को सिविल लाइंस थाने ले जाकर पूछताछ शुरू की। जांच में पता चला कि 41 वर्षीय राजेश, गुजरात के राजकोट का रहने वाला है और उसने मंगलवार को सीएम के शालीमार बाग स्थित निजी आवास की रेकी की थी। सीसीटीवी फुटेज से इसकी पुष्टि हुई है। पुलिस ने उसके मोबाइल फोन और कागजात बरामद किए हैं और यह जांच कर रही है कि क्या यह कोई सियासी साजिश का हिस्सा है। राजेश के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित भादंस की धारा 109(1), 132 और 221 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आरोपी की मां भानुबेन ने दावा किया कि राजेश कुत्तों से प्रेम करता है और सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों को आश्रय गृह में भेजने के फैसले से परेशान था। उन्होंने यह भी कहा कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वह गुस्सैल स्वभाव का है। पुलिस ने बताया कि राजेश के खिलाफ राजकोट के भक्तिनगर थाने में 2017 से 2024 के बीच पांच मामले दर्ज हैं, जिनमें से चार में उसे बरी कर दिया गया, जबकि एक मामला अभी कोर्ट में लंबित है।

हमले की खबर से दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया। संयुक्त पुलिस आयुक्त मधुर वर्मा और डीसीपी राजा बांठिया तुरंत सीएम आवास पहुंचे। सीएम को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज हुआ। गृह मंत्रालय सीएम की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर सकता है। दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां आरोपी से पूछताछ कर रही हैं ताकि हमले के पीछे की मंशा और संभावित साजिश का पता लगाया जा सके।

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