
शीर्ष महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप के बाद भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अब नई कानूनी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गोंडा में उनकी कंपनी द्वारा अवैध रेत खनन के कारण सरयू नदी को नुकसान पर जांच का आदेश दिया है।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के अवैध खनन के आरोपों पर तथ्यात्मक स्थिति की जांच करने और उचित उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया है। एनजीटी ने राजा राम सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया। उन्होंने दावा किया था कि कैसरगंज से सांसद बृज भूषण शरण सिंह तरबगंज और गोंडा जिले के माझारथ, जैतपुर और नवाबगंज जैसे गांवों में अवैध खनन में शामिल थे। राजा राम सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि लगभग 20 लाख घन मीटर लघु खनिजों के अवैध परिवहन, भंडारण और बिक्री के लिए हर दिन 700 से अधिक ओवरलोडेड ट्रकों का उपयोग किया जाता था। साथ ही उन्होंने दावा किया कि इन ओवरलोडेड ट्रकों से पटपड़ गंज पुल और सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।
बता दें की महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों और भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों को लेकर बृजभूषण सिंह कानूनी और राजनीतिक संकट में हैं। सांसद ने पहले 38 से अधिक आपराधिक मामलों का सामना किया है, जिसमें हत्या के प्रयास, दंगा, भू-माफिया के साथ संबंध और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उनके द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार, उन्हें बरी कर दिया गया था।
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