लखनऊ। राज्यसभा चुनाव के परिणामों ने पुन: साबित कर दिया कि प्रदेश से सपा-बसपा साफ है और सपा-बसपा का अवसरवादी गठबन्धन लोगों को स्वीकार्य नहीं है। यह कहना है भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव का।
शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर उनका पार्टी के मीडिया विभाग ने स्वागत किया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में नरसिम्हा राव ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए हुआ। लेकिन गठबंधन एक पक्ष के लिए अच्छा तो दूसरे पक्ष के लिए घातक साबित हुआ।
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उन्होंने कहा कि जिस दल ने सत्ता में रहते हुए डॉ. अम्बेडकर का विरोध किया, तुष्टिकरण की नीति के तहत सहारनपुर में डॉ. अम्बेडकर के नाम से संचालित मेडिकल कॉलेज सहित अन्य संस्थाओं और योजनाओं का नाम बदल दिया।
राजनीतिक स्वार्थ के चलते बसपा सुप्रीमो मायावती को अब वे ही लोग प्यारे लग रहे हैं। नरसिम्हा ने कहा कि बसपा ने डॉ. अम्बेडकर विरोधियों से गठबंधन किया। जिसे डॉ. अम्बेडकर को चाहने वाले कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में विधायक मतदान करते हैं, विधायक अपने क्षेत्र की जनता की आवाज पर ही वोट करते हैं। यह जनता को जनादेश के रूप में देखते हैं, एक साल पूरा करने के अवसर पर जनता ने राज्यसभा में भाजपा के संख्या बल को मजबूत करने का काम किया है।
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उन्होंने 2019 में पार्टी की जीत का दावा किया और कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव पार्टी प्रदेश में 80 सीटों पर विजय श्री प्राप्त करने के लिए चुनाव मैदान में उतरेगी और जीतेगी।