
लखनऊ। दीपावली की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को एक अनमोल उपहार दिया है। कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ते (DA) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी देते हुए योगी सरकार ने इसे 55 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दिया।
यह वृद्धि 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी, जिससे मार्च 2026 तक राज्य सरकार पर 1960 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। सीएम ने इसे महंगाई की मार से राहत और जीवन स्तर सुधारने का संवेदनशील कदम बताया, जो कर्मचारियों-पेंशनरों के हितों के प्रति सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे कर्मचारी और पेंशनभोगी प्रदेश की रीढ़ हैं। बढ़ती महंगाई के इस दौर में उनका जीवन आसान बनाना हमारा कर्तव्य है।” उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि बढ़ा हुआ DA और महंगाई राहत (DR) अक्टूबर 2025 से ही नकद भुगतान के रूप में वेतन और पेंशन में जोड़ा जाए। नवंबर 2025 के वेतन भुगतान में ही 795 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नकद व्यय होगा, जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के कार्मिकों के जीपीएफ खातों में 185 करोड़ रुपये जमा होंगे। जुलाई से सितंबर 2025 के एरियर (बकाया) भुगतान पर सरकार 550 करोड़ रुपये से अधिक का बोझ उठाएगी। दिसंबर 2025 से हर माह 245 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च राज्य को वहन करना पड़ेगा।
इस फैसले से प्रदेश के करीब 17 लाख कर्मचारियों और 5 लाख पेंशनरों को सीधा लाभ मिलेगा। एक सामान्य ग्रेड-1 कर्मचारी को प्रतिमाह लगभग 900-1000 रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी, जबकि वरिष्ठ अधिकारियों को इससे कहीं अधिक। पेंशनरों के लिए DR में वृद्धि से उनकी मासिक पेंशन में 3% की बढ़ोतरी होगी। योगी सरकार ने पिछले 8 वर्षों में DA को 7 बार बढ़ाया है, जो विपक्षी सरकारों के मुकाबले दोगुना प्रयास है। वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह कदम राजस्व अधिशेष और केंद्र की योजनाओं से संभव हुआ। हालांकि, वित्तीय दबाव के बावजूद सीएम ने इसे प्राथमिकता दी।
कर्मचारी संगठनों ने फैसले का स्वागत किया। उत्तर प्रदेश कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष ने कहा, “यह दीपोत्सव का सच्चा प्रकाश है।” विपक्ष ने इसे चुनावी पटकथा बताया, लेकिन सरकार ने इसे कल्याणकारी कदम करार दिया। अब सभी विभागों को निर्देश जारी कर भुगतान प्रक्रिया तेज करने को कहा गया है।