इसरो की एक और उड़ान : GSAT-6A हुआ लांच, जानें क्या होगा फायदा

नई दिल्ली। भारतीय सेना की आंतरिक व बाह्य संचार रुपी व्यवस्था को मजबूती देने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक नया उपग्रह GSAT-6A लांच किया है। जो आज अपने अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र श्रीहरिकोटा से उड़ान भर चुका है।

GSAT-6A

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने देश की तीनों सेनाओं को सशक्त और उनके संचार सेवाओं को बेहद सरल बनाने के लिए अपने प्रक्षेपण केंद्र श्रीहरिकोटा से आज एक ऐसा सैटेलाइट लांच किया है, जिसका फायदा धरती से लेकर आसमान तक देखने को मिलेगा।

ख़बरों के मुताबिक, इस सैटेलाइट के माध्यम से हाई थर्स्ट विकास इंजन समेत कई सिस्टम को प्रमाणित किया जाएगा। साथ ही ये भी माना जा रहा है कि इसरो इस उपग्रह को प्रक्षेपण के जरिए कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं के लिए भी परीक्षण कर चंद्रयान-2 के साथ भेज सकता है।

अगर हम इसके वजन और आकार की बात करें तो इसका भार लगभग 2140 किलो का है। जिसे जीएसलवी एमके-द्वितीय (जीएसएलवी – एफ08) के माध्यम से आज करीब शाम पांच बजे श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया।

इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जीसैट-6ए उपग्रह की लांचिंग इसलिए किया गया है ताकि भारतीय सेनाओं की रक्षात्मक कार्यप्रणाली में वृद्धि हो सके।

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खबरों के मुताबिक, इस सैटेलाइट में हैंड हेल्ड ग्राउंड टर्मिनल के जरिए किसी भी स्थान से दूसरे स्थान तक मोबाइल संचार को सरल बनाया जा सकता है। इसमें किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न होने की कोई गुंजाइश नहीं है।

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क्या काम आएगा?

मोबाइल कम्युनिकेशन में मदद करेगा। इसे सेना के इस्तेमाल के हिसाब से भी डिजाइन किया गया है।

GSAT-6A कैसा है?

– 270 करोड़ रुपए लागत

– 21.40 क्विंटल वजन

– 1.53X1.56X2.4 साइज

देखें वीडियो:-

 

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