भगवान राम से पहले होगा सीता माता के भव्य मंदिर का निर्माण, CM ने कहा- 5वें धाम के नाम…

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर बनाने का कार्य भले ही उलझा हुआ हो लेकिन बिहार में माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी जिले में सरकार ने सीता माता के मंदिर बनाने की मंजूरी दे दी है। सीता माता की जन्मस्थली को भव्य और धार्मिक रूप देने का काम इसी महीने में शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री खुद इस कार्यक्रम में शामिल होंगे और उनके साथ ही देश भर के सभी सांसदों और विधायकों को इस कार्यक्रम आमंत्रित किया गया है।

सीता माता

विपक्ष निकाल रहें कुछ और ही मायने

सीता माता के भव्य स्वरूप को मंदिर का रूप देने वाले बीजेपी सांसद प्रभात झा ने कहा कि ये कोई राजनीतिक फैसला नहीं है। मैं सच्चे दिल से माता की जन्मस्थली सीतामढ़ी को एक धार्मिक स्वरूप देने चाहता हूं। प्रदेश सरकार ने खुद स्वीकारा है, 24 अप्रैल को इस कार्यक्रम का हिस्सा भी बनेंगे और सीता माता की जन्मस्थली पुनौरा धाम के जीर्णोद्धार का ऐलान करेंगे।

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बिहार में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद राजनीतिक टकराव के बीच इस कार्यक्रम के कई राजनीतिक अर्थ भी निकाले जा रहे हैं। घटनाओं के बाद वहां राजनीतिक स्तर पर भी टकराव होता नजर आया है। इस टकराव को बीजेपी और जेडीयू के बीच बढ़ती दूरी के रूप में देखा गया है। ऐसे में अगर जानकी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए आयोजित कार्यक्रम में नीतीश कुमार खुद मौजूद रहते हैं, तो इसे बड़े राजनीतिक डिवेलपमेंट के रूप में देखा जा सकता है।

कहलाएगा पांचवां धाम

बीजेपी उपाध्यक्ष ने कहा कि ये सीएम के कोशिशों का फल ही है जो सीता माता के मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री यह भी मान चुके हैं कि नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर इस मंदिर के प्रांगण को भी विकसित किया जाए और इसे ऐसा स्थल बनाया जाए, जो पांचवें धाम के रूप में पहचाना जाए।

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जनकपुर मे ऐसा ही माता का भव्य मंदिर है जो भारतीय सीमा से बस 22 किलोमीटर की दूरी पर है। बताया जाता है, जब नेपाल में भूंकम्प आया था तो माता का यह मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया था।

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