सरकार नहीं बताना चाहती पीएम मोदी से जुड़ी ये अहम बात, कहा- रिश्तों में आ जाएगी दरार

नई दिल्ली। देश के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा बातें जानने को आतुर रहते हैं। ऐसे में जब बात विदेश दौरे की हो या अन्य देशों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की, हर पहलू को जानने की लोगों में लालसा रहती है। वो ख़ास तब हो जाती है, जब अन्य देशों के प्रतिनिधियों और पीएम मोदी के बीच तोहफा लिया या दिया जाता है। प्रतिनिधियों से जो तोहफे मोदी को प्राप्त होते हैं, उनकी जानकारी तो आसानी से हासिल हो जाती है। लेकिन जो तोहफे पीएम मोदी देते हैं, उनका जिक्र बमुश्किल ही किया जाता है।

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नरेंद्र मोदी से जुड़ी

खबरों के मुताबिक़ इसी बात को जानने के लिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) से जब इस बारे में पूछा गया तो सरकार की तरफ से 3 महीने बाद अजब सा तर्क दिया गया।

जवाब में कहा गया है कि प्रधानमंत्री अपनी विदेश यात्राओं के दौरान गिफ्ट तय नियमों के मुताबिक देते हैं।

यह सही है कि ये तोहफे बजटरी ग्रांट से दिए जाते हैं। लेकिन इनका खुलासा करने से बेवजह विदेशी संबंध प्रभावित हो सकते हैं।

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इनकी कीमत की तुलना या समीक्षा किए जाने से इन मुल्कों के बीच आपसी प्रेम बढ़ाने की भावना बेकार हो जाएगी।

मंत्रालय ने कहा कि इस सूचना का खुलासा करना इन देशों के साथ भारत के संबंधों पर आंच ला सकता है। लिहाजा, आरटीआई एक्ट 2005 के आर्टिकिल 8-1 (ए) के तहत हम इसे जाहिर न करने की छूट चाहते हैं।

इसके तहत ऐसी सूचनाओं को जाहिर न करने की अनुमति है, जिनके सामने आने से दूसरे देशों के साथ भारत के संबंध प्रभावित होते हैं।

वहीं पीएम मोदी द्वारा दी गए कुछ गिफ्ट ऐसे भी रहे, जो काफी चर्चा में रहे…

पाक नेता नवाज शरीफ की मां को दी गई शॉल की मीडिया में काफी चर्चा रही थी। डोनाल्ड ट्रम्प के लिए शॉल और वुडन चेस्ट।

कुछ और भी तोहफे हैं जो मीडिया के माध्यम से सामने आते रहे हैं मगर सरकार ने सार्वजनिक नहीं किए।

जैसे :- पश्चिम बंगाल के मकाईबाड़ी टी एस्टेट की दार्जीलिंग चाय, जम्मू कश्मीर से लाया गया शहद, महात्मा गांधी की विशालकाय पेंटिंग आदि।

इसके अलावा नेतन्याहू को 9वीं शताब्दी की केरल की कॉपर प्लेट्स का रेप्लिका देने की खबर भी रही।

पूर्व सूचना आयुक्त शैलेष गांधी ने बताया कि इस तरह की जानकारी पब्लिक डोमेन में होनी चाहिए। किसी भी धारा के तहत इसे छूट नहीं दी जा सकती है।

क्योंकि दूसरे देश के प्रतिनिधियों को दिए जाने वाले तोहफे देश की लोगों की भावनाओं को दर्शाते हैं न कि संबंध खराब करते हैं।

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