वर्चस्व की लड़ाई में खराब हो रहा बच्चों का भविष्य, बीएसए ने लिया एक्शन

रिपोर्ट- विनीत तिवारी

हमीरपुर। स्कूल खुलते ही सरकरी स्कूलों में शिक्षको के बीच गुटबाजी शुरू हो गयी है जिसके चलते सैकड़ों बच्चो का भविष्य दाव पर लग गया है। ऐसा ही एक मामला हमीरपुर जिले से सामने आया है। जहां दो महिला अनुदेशकों और प्रधानाचार्य के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई है। महिला प्रधानाचार्य ने अनुदेशकों को हटाने और स्कूलों में बच्चों की संख्या कम करने के लिए जबरन कई बच्चों का स्कूल से नाम काट कर उन्हें टीसी थमा दी। जिसके बाद अनुदेशकों की शिकायत पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

प्राथमिक स्कूल

सपा सरकार में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए अनुदेशकों की नियुक्ति की गयी थी। इन अनुदेशकों को उन स्कूलों में तैनात किया गया था जहां पर बच्चों की संख्या 100 या इससे अधिक हो लेकिन अपनी मनमानी पर उतारू प्रधानाचार्य अब अनुदेशकों को हटाने के लिए स्कूल में बच्चों का नाम काट रहे है या उनका नाम नहीं लिख रहे। जिससे की बच्चों की संख्या 100  से कम हो जाए और अनुदेशक खुद ही स्कूल से हट जाए।

मामला कुरारा ब्लाक के कुसमरा गांव में स्थित कन्या पूर्व माध्मिक विद्यालय का है जहां की प्रधानाचार्य परवीन बानो ने अपने ही विद्यालय में तैनात अनुदेशक अन्जना देवी और करिश्मा ओमर को स्कूल से हटाने के लिए साजिश रच डाली और उनके द्वारा किये गए सर्वे में 107 बच्चों के नामांकन में अपनी मनमर्जी चलते हुए 12 बच्चों के नाम काट कर उन्हें टीसी थमा दी। जिसके कारण अनुदेशकों का नवीनीकरण अधर में लटक गया है दूसरी तरफ बच्चों का स्कूल से नाम काटने से उनके अभिवावकों में रोष फैल गया है।

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इस मामले की जानकारी जब ग्रामीणों ने जिला बेसिक अधिकारी हमीरपुर को दी तो उन्होंने मौके पर पहुंच कर पूरे मामले की जांच करते हुए ग्रामीणों और अनुदेशकों के बयान लेते हुए पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

 

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