जानिए कैसे पहचानेंगे आपका दोस्त चैटिंग में सच बोल रहा है या झूठ

दोस्तों का झूठडिजिटल दुनिया की भीड़ में लोगों के सबसे पसंदीदा टूल स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टैब और लैपटॉप हैं। बातचीत और संचार स्थापित करने के लिए ये उपकरण सबसे अधिक उपयोगी माने जाते हैं। लेकिन जब अपने साथी या दोस्त का चेहरा देखे बिना आप बातचीत करते हैं तो ऐसे में झूठ की संभावनाएं अधिक बन जाती हैं। टेक्स्ट मैसेज में लोग बेझिझक धड़ल्ले से झूठ बोलते हैं।

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इसी झूठ को पकड़ने के लिए कॉर्नेल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बड़ी संख्या में प्रतिभागियों के टेक्स्ट को एकत्रित करने के लिए एक एंड्रॉइड मेसेजिंग ऐप विकसित किया।

arXiv में प्रकाशित यह शोध झूठ और सच के बीच की गहराई को समझाने में कारगर बताया जा रहा है।

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि किए गए टेक्स्ट को पढ़कर ये अनुमान लगाया जा सकता है कि आपका मित्र आपसे जो भी कह रहा है, कितना सत्य और असत्य है।

इतना ही नहीं शोध में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि किसी भी टेक्स्ट को पढ़ने के बाद आप यह भी जान सकते हैं कि आपसे चैट करने वाला मित्र महिला है या फिर पुरुष।

सेकड़ों लोगों की बातचीत को इकट्ठा कर अध्ययन करने पर पाया कि पुरुष और महिला की चैटिंग के दौरान टेक्स्ट करने की शैली में काफी फर्क होता है।

एक ओर जहां पुरुष अपनी बातों को प्रस्तुत करने के लिए सीमित वाक्यों का उपयोग करते हैं, वहीं महिलाएं अपनी बातों को प्रेजेंट करने में पुरुषों के मुकाबले अधिक लंबे और लच्छेदार वाक्यों को उपयोग में लाती हैं।

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अब आते हैं झूठ पकड़ने वाली बात पर तो शोध बताता है कि यदि कोई भी पुरुष या महिला झूठ बोल रहा होता है तो वह आपको धोखा या झांसा देने के लिए कि आपको उसकी बातों में संदेह न हो, अपनी बातों को ज्यादा घुमा-फिराकर प्रेजेंट करता है।

वहीं ध्यान देने वाली बात यह है कि झूठ बोलने के दौरान लोग टेक्स्ट में मै, तुम जैसे सेल्फ आईडेंटटी जाहिर करने वाले शब्दों का प्रयोग करने की अपेक्षा अन्य सर्वनाम शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जैसे :-आप।

इसके साथ ही लिखे जाने वाले ऐसे वाक्य जिनमें संभवतः, संभव, निश्चित, आदि शब्दों से झूठे वाक्यों को पकड़ा जा सकता है।

शोध के मुताबिक़ पुरुष झूठ बोलते वक्त मै का इस्तेमाल करने से कतराते हैं, वहीं इसके विपरीत महिलाएं निर्भीकता से इस शब्द को झूठ बोलने के दौरान इस्तेमाल करती हैं।

खुद को प्रेजेंट करने के लिए खासकर पुरुष मै की जगह मेरा और मुझे का उपयोग ज्यादा करते हैं। वहीं महिलाएं झूठ बोलते वक्त निर्भीकता से मै शब्द पर विशेष जोर देती हैं।

वहीं अगर पूरे वाक्यांश पर गौर किया जाए तो महिला और पुरुष दोनो में संभवतः, संभव, देखते हैं, करेंगे, कोशिश, यकीन जैसे शब्दों का इस्तेमाल झूठ पर पर्दा डालने के लिए किया जाता है।

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