रिसर्च: क्लिनिकली डेड हो जाने पर भी जिंदा रहता है इंसान

रिसर्चनई दिल्ली। डॉक्टर्स किसी इंसान की मौत की पुष्टि तब करते हैं जब उसका दिल धड़कना बंद कर देता है, सांसें थम जाती हैं और शरीर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता. लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि मृत घोषित किये जाने के बाद भी इंसान कुछ पलों तक जिंदा रहता है.

रिसर्च में हुआ खुलासा

इस अध्ययन के मुताबिक़ जिस पल इंसान को मरा हुआ मान लिया जाता है, वास्तव में उस समय इंसान की पूरी तरह से मौत नहीं होती. उसके बाद कुछ पलों बाद तक उसका दिमाग जीवित रहता है.

अमेरिका की एक मेडिकल यूनिवर्सिटी ने यह प्रयोग उन चूहों पर किया जिन्हें क्लिनिकली डेड यानी हृ्दय के काम न करने पर मृत घोषित कर दिया गया था. इस रिसर्च में पता चला कि सिर्फ धड़कन बंद हो जाने से उनकी चेतना बंद नहीं हुई. इन चूहों के दिमाग में उस दौरान कुछ तरंगें रिकॉर्ड की गईं जिस समय ECG मशीन ने उन्हें मृत बता दिया था.

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हालांकि इसे लेकर कई तरह के मत हैं. डॉ सैम परनिया की मानें तो मौत होने पर वैसे तो मस्तिष्क में कोई हलचल नहीं होती लेकिन कुछ कोशिकाएं खत्म होने में अधिक समय लेती हैं.

वहीं, एक मत यह भी है कि मौत होने पर ब्रेन में ऑक्सीजन की सप्लाई खत्म हो जाती है जिससे कैलशियम कोशिकाओं की संख्या काफी बढ़ जाती है, जिस वजह से मस्तिष्क में गतिविधि रिकॉर्ड हो जाती है.

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अभी तक दुनिया में बहुत सारे ऐसे वाकये हुए हैं जिनमें मौत के मुंह से लौटे लोगों ने बताया है कि उन्हें  डॉक्टरों की उस समय की बातचीत याद है. जबकि डॉक्टर्स ने ये मान लिया था कि उनकी मौत हो चुकी थी. ये ताजा रिसर्च इसे समझने में मदद करेगी.

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