बुझी नहीं आन्दोलन की आग, मंत्री कर रहे ‘हरिजिस्तान’ की मांग

मुजफ्फरपुर। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के हाल के फैसले को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, बिहार के पूर्व मंत्री और दलित नेता रमई राम ने अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लिए अलग राज्य ‘हरिजिस्तान’ की मांग की है।

दलित नेता रमई राम

पूर्व मंत्री रमई राम ने यहां बुधवार को कहा, “देश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति को मिले संवैधानिक अधिकारों को छीना जा रहा है। उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाया जा रहा है, इसलिए हमें ‘हरिजिस्तान’ चाहिए।” उन्होंने दो दिन पूर्व ‘भारत बंद’ के दौरान मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिए जाने की भी मांग की है।

राम जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता हैं, जो पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के पार्टी से बाहर जाने के बाद उनके साथ चले गए।

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पूर्व में भी ‘हरिजिस्तान’ की मांग उठने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि देश की आजादी के वक्त बाबा साहेब आंबेडकर ने पाकिस्तान के बाद हरिजिस्तान की मांग की थी। उस समय हरिजिस्तान की मांग की जगह संविधान में विशेष सुविधा का प्रावधान किया गया था।

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उन्होंने आरोप लगाया कि सर्वोच्च न्यायालय की आड़ में एससी, एसटी को संविधान में मिली शक्तियों को छीनने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ भारत बंद को ऐतिहासिक बताया।

उन्होंने कहा, “बंद के दौरान मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए तथा उनके परिजनों को आर्थिक सहायता एवं सामाजिक सम्मान देना चाहिए।”

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