संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी के बावजूद म्यांमार लौटा पहला रोहिंग्या परिवार

नेपीतॉ। म्यांमार के अधिकारियों ने रविवार को घोषणा की कि व्यापक हिंसा के बाद भागकर बांग्लादेश गए रोहिंग्या शरणार्थियों का पहला परिवार स्वदेश लौट आया है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि इनका लौटना सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है।

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रोहिंग्या परिवार

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल अगस्त में शुरू हुए क्रूर सैन्य अभियान से बचने के लिए करीब 700,000 रोहिंग्याओं ने राखाइन राज्य छोड़ दिया था।

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अधिकारियों ने कहा कि एक मुस्लिम परिवार के पांच सदस्य शनिवार को एक ‘स्वदेश वापसी शिविर’ में पहुंचे और उन्हें खाद्य आपूर्ति व राष्ट्रीय सत्यापन कार्ड प्रदान किए गए।

म्यांमार रोहिंग्या शब्द का इस्तेमाल नहीं करता है।

यह कार्ड एक तरह का पहचानपत्र है, जो नागरिकता नहीं देता है और इसे बांग्लादेश शिविरों में रोहिंग्या नेताओं ने अस्वीकार किया है।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार द्वारा रोहिंग्या परिवार के पहुंचने की घोषणा से पहले शनिवार को संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने चेतावनी दी कि म्यांमार में लौटने के लिए ‘अभी भी स्थितियां सुरक्षित व सम्मानजनक व अनुकूल नहीं हैं।’

बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों में छोटी संख्या में नए लोगों का पहुंचना जारी है, जबकि म्यांमार शासन का दावा है कि वह लौटने वालों को शरण देने के लिए तैयार है।

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