पब्लिक सेक्टर बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक यूनियन ने जेटली को लिखा पत्र

नई दिल्ली। बैंक कर्मचारियों के संगठन ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की मांग की आलोचना करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। संगठन ने ऐसे कदम को अनुत्पादक बताया है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 12,600 रुपये की धोखाधड़ी उजागर होने के बाद से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की मांग उठने लगी है।

बैंकों के निजीकरण

इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) से जुड़े द इंडियन नेशनल बैंक इंप्लॉइज फेडरेशन (आईएनबीईएफ) ने पत्र में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के निजीकरण से देशभर में उनकी शाखाओं का विशाल नेटवर्क ध्वस्त हो जाएगा।

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आईएनबीईएफ ने कहा, “पीएसबी को निजी कॉरपोरेट के हवाले किया जाएगा तो यह न सिर्फ अनुत्पादक कदम होगा, बल्कि इससे देशभर में करोड़ों लोगों को सेवा प्रदान करने वाली इनकी शाखाओं का विशाल नेटवर्क भी आप ही आप बिखर जाएगा।”

यूनियन ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली में धोखाधड़ी होने के संबंध में विनियामक तंत्र की कुछ त्रुटियों का भी जिक्र किया।

यूनियन ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में अनुचित उच्च अग्रिम राशि के खतरों पर नियंत्रण के लिए जिम्मेदार बैंकिंग परिचालन विभाग के प्रमुख का पद डिप्टी गवर्नर एस.एस. मुंद्रा के जुलाई 2017 में सेवामुक्त होने के बाद से रिक्त है।”

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पिछले सप्ताह वित्तमंत्री ने बैंकों में धोखाधड़ी का पता लगाने में विफल रहने पर विनियामकों के साथ-साथ बैंक प्रबंधनों व अंकेक्षकों की आलोचना की थी।

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