पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान की नींद उड़ गई है और उसने सेना की संभावित गतिविधियों का पता लगाने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कई कदम उठाए हैं।

पाकिस्तानी सेना संभावित भारतीय हवाई हमलों का पता लगाने के लिए अपने रडार सिस्टम को सियालकोट सेक्टर के अग्रिम स्थानों पर ले जा रही है।
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी सेना संभावित भारतीय हवाई हमलों का पता लगाने के लिए सियालकोट सेक्टर में अपने रडार सिस्टम को अग्रिम स्थानों पर ले जा रही है। फिरोजपुर सेक्टर के सामने भारतीय गतिविधियों का पता लगाने के लिए पाकिस्तानी सेना की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध टुकड़ियों को भी अग्रिम स्थानों पर तैनात किया जा रहा है।
हाल ही में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ़ 58 किलोमीटर दूर चोर छावनी में टीपीएस-77 रडार साइट स्थापित की है। टीपीएस-77 मल्टी-रोल रडार (एमआरआर) एक अत्यधिक सक्षम रडार प्रणाली है और इसका उपयोग दुनिया भर में स्थितिजन्य जागरूकता और हवाई यातायात निगरानी के लिए किया जाता है।
इस बीच, लगातार पांचवें दिन पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। पाकिस्तानी सेना ने कुपवाड़ा, बारामूला और अखनूर सेक्टरों में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।