प्रशासन की लापरवाही के चलते लग रहा इमामबाड़े की सुंदरता पर दाग

रिपोर्टर:- अर्सलान समदी

लखनऊ। अदब की सरज़मी लखनऊ अपनी तहज़ीब तमीज़ के साथ ख़ास ऐतिहासिक इमारतों की वजह से देश में एक अलग पहचान रखता है क्योंकि लखनऊ में नवाबो के दौर के वो मज़हबी मुक़ाम है जो पर्यटक पूरी दुनिया से निहारने लखनऊ बड़ी तादाद में आते है। जिसमे से एक छोटा इमामबाड़ा भी है जो सैकड़ो साल से अपनी खूबसरती के लिए जाना जाता रहा है लेकिन इस इमामबाडे की देख रेख करने वाले हुसैनाबाद ट्रस्ट और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते दिन ब दिन अपनी रंग रूप खोता जा रहा है। हालात यह है की इमामबाड़े के कई हिस्सों की दीवारें की ईटे गिर गयी है और बारिश के चलते इमामबाडे के अंदर सड़क का बरसात का पानी भर रहा है जिस्से इमारत को भारी नुक़सान होना तय है।

इमामबाड़ा

नवाबों के दौर का बना छोटा इमामबाड़ा धार्मिक स्थल होने के साथ लखनऊ के खास पर्यटक स्थल में शुमार होता है जहाँ रोज़ सैकड़ो की तादाद में पर्यटक मुल्क भर से आते है लेकिन हुसैनबाद ट्रस्ट की अनदेखी के चलते इसके दरों दीवार बुरी तरह से ख़राब होते जा रहे, हालात यह है की बारिश का पानी पूरे इमबाड़े में भर जाता है जिस्से इमामबाडे की इमारत को काफ़ी नुक़सान पहुच रहा है।

ज़िला प्रशासन की लापरवाही के चलते इमामबाड़े के सामने की सड़क ऊंची होने की वजह से बारिश का सारा पानी इमामबाड़े में अंदर जा रहा है जिस्से नींव में पानी बने रहने से इमारत को नुक़सान पहुंच रहा है तो दूसरी तरफ आने वाले पर्यटको को भी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा बारिश में हालात इतने बिगड़ जाते है के आने वाले पर्यटको को अपने जूते उतार कर हाथ मे लेना पड़ जाते है तो जलभराव की वजह से कितने पर्यटक इमबाड़े तक जाने और वापास आने में मुश्किलों का सामना करते नज़र आ रहे।

तो दूसरी तरफ शिया मौलाना सैफ अब्बास ने भी नाराज़गी का इज़हार करते हुए कहा के यह इमामबाडे सिर्फ पर्यटकों तक ही महदूद नही बल्कि इस्से हमारी अकिदतो का मामला भी जुड़ा है जो लापरवाही के चलते धयान नही दिया जा रहा है, तो वही सामाजिक कार्यकर्ता शहज़ाद अब्बास का कहना है लखनऊ की इन इमारतों को सहेज के रखने की ज़रूरत है लेकिन लापरवाही के चलते दिन ब दिन इनका रंग रूप बिगड़ता जा रहा है।

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शिया हिन्दू संघटन के अध्यक्ष अबुल हसन कहते है के इन ऐतिहासिक इमारतों में देश से ही नही बल्कि विदेश से भी बड़े पैमाने पर लोग आते है लेकिन बदहाली और बदइंतजामी के चलते हमारे मुल्क का दूसरे मुल्को में ग़लत पैग़ाम जा रहा है जिसपर ज़िला प्रशासन को ग़ौरो फिक्र की ज़रूरत है।

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