चमोली में एक पर्वतारोही जवान की मौत, दो गंभीर रूप से घायल

पर्वतारोही जवानचमोली। वायुसेना के एक पर्वतारोहण के लिए त्रिशूल पर्वत पर गए वायु सेना के 20 सदस्यीय पर्वतारोही जवानों के दल में से तीन सदस्यों की तबियत अचानक खराब हो गई। जिसके वजह से तीनो जवानों को सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर जोशीमठ में सेना हॉस्पिटल लाया गया। इस दौरान उनमें से एक जवान की मौत हो गई। बाकी दो घायल जवानों को रेस्क्यू कर लिया गया है और उन्हें एमच जोशीमठ में भर्ती किया गया है जहां दोनों जवान गंभीर हालत में हैं। प्राप्त सूचना के अधार पर 23 सितम्बर को वायु सेना का 20 सदस्यीय दल पर्वतारोहण के लिए त्रिशूल पर्वत पर गया था।

सेना के हेलीकॉप्टर से किया रेस्क्यू

ये दल त्रिशूल के बेस कैंप पर पहुंचते ही, बुधवार को अचानक दल के तीन सदस्यों की तबीयत बिगड़ने लगी। इसकी सूचना एसडीआरएफ को दी गई। लेकिन 14 हजार फीट ऊंचाई पर स्थित त्रिशूल पर्वत तक फौरन पहुंच पाना संभव नहीं था। इसलिए गुरुवार को सेना के बेहतर हेलीकॉप्टर को बेस कैंप के लिए रवाना किया गया। इन हेलीकॉप्टर की मदद से बीमार सदस्यों को सेना के अस्पताल लाया गया।

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इनमें एक सदस्य की मौत हो गई। जबकि दो बीमार जवानों का सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है। सेना के अधिकारियों ने मारे गये जवानों के नाम का खुलासा नहीं किया है। प्रदेश के चमोली जिले में नंदादेवी आधार क्षेत्र वाले त्रिशूल पर्वत की ऊंचाई समुद्रतल से 7120 मीटर है। 4 जून 1958 को सबसे पहले इस चोटी पर पर्वतारोहण दल पहुंचा था, जिसका नेतृत्व कैप्टन एन कुमार ने किया था। इस पर्वत पर भारतीय सेना और वायु सेना के साथ-साथ दूसरे पर्वतारोही भी पर्वतारोहण के लिए आते हैं।

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