जीवन के 104 बसंत देखे, अब जिन्दगी को अलविदा कहने स्विटज़रलैंड रवाना हुआ ये शख्स
सिडनी: दुनिया की वास्तविकता, जिन्दगी की सच्चाई और मौत का अंदेशा लगा पाना किसी भी व्यक्ति के लिए अत्यंत दुष्कर कार्य होता है. यदि जिन्दगी को एक बेहतरीन आयाम देने के बाद कोई व्यक्ति अपनी मौत का निर्धारण भी कर सके तो निश्चित रूप से इससे ज्यादा जिन्दगी से किसी की अपेक्षा नही हो सकती है. दुनिया बहुत आश्चर्यजनक किस्से कहानियों का सार है जहाँ जिन्दगी से हार मानने वालों के अनगिनत उदाहरण हैं तो वहीं जिन्दगी के 100 बसंत देखने के बाद भी मौत को खुद की अनुमति देने की रोचक कहानियाँ भी हैं.
ऐसी ही रोचक कहानियों को अपनी जिन्दगी में जीने वाले वैज्ञानिक डेविड गुडाल की कहानी किसी फिल्म से कम नही है जिन्होंने जीवन के 104 जीने के बाद भी मौत को स्वीकृति नही बल्कि अनुमति देने का फैसला किया है.
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ऑस्ट्रेलिया के सबसे उम्रदराज वैज्ञानिक डेविड गुडाल को अब जीने की कोई इच्छा नहीं रह गई है इसलिए वह अपना जीवन समाप्त करने लिए स्विट्जरलैंड रवाना हो गए हैं. ऑस्ट्रेलिया के सबसे उम्रदराज वैज्ञानिक ने लाइलाज बीमारी के कारण अपनी जीवनलीला समाप्त करने के लिए ऐसा किया है.
इससे पहले वह अपने परिवार के साथ थोड़ा वक्त बिताना चाहते हैं. जीवन के सौ से ज्यादा बसंत देख चुके डेविड गुडाल (104) को लाइलाज बीमारी है इसलिए वह अपनी इच्छा से मरना चाहते हैं. इच्छा मृत्यु की वकालत करने वालों ने बताया कि वह बुधवार को पर्थ में एक विमान में सवार हुए. उन्हें अंतिम विदाई देने उनके दोस्त और परिवार के सदस्य आए थे. वह स्विट्जरलैंड जाने से पहले फ्रांस में अपने परिवार के साथ कुछ दिन बिताएंगे.
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उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से रवाना होने से पहले मीडिया से कहा, ‘मैं स्विट्जरलैंड नहीं जाना चाहता, हालांकि वह अच्छा देश है. लेकिन आत्महत्या करने के मौके के लिए मुझे जाना होगा क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई कानून इच्छा मृत्यु की इजाजत नहीं देता है.