
नई दिल्ली। मोदी सरकार करीब तीन साल से ज्यादा का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। आम चुनाव 2019 में डेढ़ साल से कम समय है। बीते दिनों खबरें भी आईं कि लोकसभा का चुनाव जल्दी भी कराया जा सकता है। सरकार के अभी तक के काम पर नजर डालें तो उठापटक का दौर चलता ही रहा। नफरत फैलाने वाली खबरों को मुद्दा बनाकर विपक्ष और जनता भी घेरती रही। अब एक बार फिर से इसी मुद्दे पर भारत में ईसाइयों के सबसे बड़े संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की है।
झारखंड के मुख्यमंत्री सीएम रघुवर दास की ईसाइयों के सबसे बड़े संगठन ने मोदी से शिकायत खत लिखकर की है। आरोप लगाया गया है कि सीएम रघुवर दास नफरत फैला रहे हैं। खत में पीएम मोदी से इस मामले में दखल देने और नफरत को खत्म करने की अपील की है।
यह भी पढ़ें : तेल की कीमतों में उछाल ने पेट्रोलियम मंत्री को किया ‘KNOCKOUT’, GST को ठहराया…
कड़े शब्दों में लिखे खत में इस संगठन के सेक्रेट्री जनरल थिओडोर मास्कारेंहस ने कहा कि वह झारखंड में हो रही नफरत की राजनीति से परेशान हैं, जिसकी वजह से उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखने के लिए मजबूर होना पड़ा। बता दें, इससे एक महीने पहले झारखंड सरकार ने धार्मिक रूपांतरणों को रोकने के लिए 12 अगस्त को एक बिल पास किया था।
मास्कारेंहस ने कहा कि झारखंड में 2014 के चुनाव में पीएम मोदी ने खुद चुनाव प्रचार किया था, उस दौरान इन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात कही थी। इसके बाद रघुवर दास राज्य के मुख्यमंत्री बने। लेकिन उन्होंने ‘ईसाई समुदाय के खिलाफ विकृतिगत हमलों’ शुरू कर दिए।
यह भी पढ़ें : सरकार भी इस खेल पर है मौन, धड़ल्ले से काटी जा रही आपकी जेब, कीमत मात्र 30 रुपए लेकिन वसूल रहे हैं…
साथ ही उन्होंने कहा, ‘अगर मुख्यमंत्री विचारधारा की नफरत को रोकने में नाकाम हैं तो अब उनके जाने का समय आ चुका है।’ पिछले सप्ताह हिंदू जागरण मंच द्वारा रांची के पादरी का पुतला जलाने की घटना का जिक्र करते हुए चिंता जाहिर की। साथ ही उन्होंने कहा कि ईसाइयों के खिलाफ फैलाई गई यह नफरत, जल्द ही हिंसा में भी बदल सकती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाया कि जब उन्होंने इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा था कि ‘धर्म नाम पर हिंसा को स्वीकार नहीं किया जाएगा तो पूरे देश ने उनकी तारीफ की थी।
मास्कारेंहस ने कहा, ‘रघुवर दास और उनके सलाहकारों में पिछले कुछ महीनों से देखने को मिला है कि जिस विचारधारा की आपने घोषणा की थी, उससे वे लोग संबंध नहीं रखते। प्रधानमंत्री जी, मैं आपसे अपील करता हूं कि आप झारखंड के मुख्यमंत्री द्वारा फैलाई गई नफरत के मामले मं दखल दें और इस नफरत को खत्म कर दें।’