तेल की कीमतों में उछाल ने पेट्रोलियम मंत्री को किया ‘KNOCKOUT’, GST को ठहराया…

पेट्रोल और डीजलनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वीकृती मिलने के बाद से ही तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी करती जा रही हैं। जबकि जानकारी के मुताबिक़ कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है। मुंबई की बात की जाए तो यहां पेट्रोल की कीमत 80 रुपए तक पहुंच गई हैं। अब केंद्र सरकार भी इस कारण बेहद परेशान नज़र आ रही है।

ख़बरों के मुताबिक़ पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर हाथ खड़े कर लिए। कीमतों को काबू में लाने का रास्ता धर्मेन्द्र प्रधान जीएसटी को बता रहे हैं।

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प्रधान ने कहा कि, ” हम चाहते हैं कि पेट्रोलियम को जीएसटी के अंतर्गत लाया जाए। राज्य सरकारों से भी वित्तमंत्री इस बारे में कह चुके हैं। यदि जीएसटी के तहत इसे लाया जाता है तो कीमतों का पूर्वानुमान किया जा सकता है। अभी टैक्सेस के कारण मुंबई और दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में बड़ा अंतर होता है। हमने जीएसटी काउंसिल से मांग की है कि पेट्रोलियम को भी जीएसटी के तहत लाया जाए। यदि ऐसा होता है तो आम जनता तो सहूलियत होगी।”

वहीं इस मामले को उठाते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान पर जमकर निशाना साधा।

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सवालिया निशान लगाते हुए उन्होंने कहा कि क्रूड ऑयल के दाम 50 फीसद से ज़्यादा गिर गए, फिर भी तेल की कीमतें ज़्यादा क्यों हैं। क्या ये आर्थिक आतंकवाद नहीं है।

उनका कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों को काबू कर पाने में पेट्रोलियम मंत्री अक्षम साबित हो रहे हैं। उनके पास इन बढ़ती कीमतों को काबू कर पाने का कोई आइडिया नहीं है।

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