CM योगी बोले- बड़े बाप के बड़े बेटे हैं अखिलेश, उन्हें पढ़ने-लिखने की फुर्सत कहां

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में दो दिवसीय दौरे पर हैं। शुक्रवार को दौरे के दूसरे दिन सीएम ने योगीराज बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर विपक्षी दलों पर निशाना साधा। सूबे के मुख्यमंत्री ने कहा, लखीमपुर हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन जिस तरह से वहां जाने के लिए विपक्षी पार्टियों के नेताओं की होड़ लगी है, उससे साफ है कि सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए यह दिखावा है। कोरोना काल में कभी नेताओं को एक बार जनता की सेवा के लिए जाना चाहिए था।

Commission set up to probe Lakhimpur Kheri incident | Deccan Herald

सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश यादव को पढ़ने-लिखने की फुर्सत कहां है, वो तो बड़े बाप के बड़े बेटे हैं। स्वाभाविक रूप से उनकी जिंदगी है और उनकी अपनी कार्य पद्धति है। देश और दुनिया से उन्हें क्या मतलब है?

मुख्यमंत्री ने कहा, मैं नोएडा भी गया और बिजनौर भी। दोनों के बारे में कहा जाता था, जो सीएम वहां जाता है वो दोबारा सत्ता में लौटकर नहीं आता। हम लोग इसी मिथक को तोड़ने के लिए राजनीति में आए हैं। हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में दोबारा आएगी। सपा, बसपा और कांग्रेस सभी ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे हैं, लेकिन लखीमपुर में दो ब्राह्मण भी मारे गए, क्या इनमें से कोई नेता गया उन पीड़ित ब्राह्मणों के घर? कन्नौज के नीरज मिश्रा की हत्या, क्या संतोष शुक्ला ब्राह्मण नहीं थे? कभी उनके घर गए?

कोई अगर इस गलतफहमी में है कि उत्तर प्रदेश के अंदर वो घेराबंदी करके आम जनजीवन को ठप कर देंगे, या निर्दोष लोगों पर हमला करेंगे, तो वो लोग भी तैयार हो जाएं, हम तो तैयार ही हैं । लखीमपुर का राजनीतिकरण करने वालों को तालिबान का आईना दिखाना चाहिए। देश के अंदर लखीमपुर मुद्दे का राजनीतिकरण कौन कर रहे हैं? वही जो काबुल में तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। विपक्षी दल के नेताओं को लगा कि लखीमपुर एक बहाना है, लेकिन ऐसा नहीं हो पायेगा। ये कोई सद्भावना के दूत नहीं है। सरकार की पहली प्राथमिकता होती है शांति और सौहार्द बनाना, सरकार ने वही किया।

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