चीन ने फिर उगले विवादित बोल, अखर गया पीएम मोदी का अरुणाचल दौरा

बीजिंग। पड़ोसी देश चीन काफी समय से देश के मामलों में टांग अड़ाता रहा है। एक बार फिर उसने विवादों को हवा देने की कोशिश की। बता दें ताजा मामले में चीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे को लेकर विरोध जता रहा है। उनका कहना है कि अरुणाचल प्रदेश भारत के हिस्से में नहीं बल्कि तिब्बत के आधिपत्य में आता है। इसके साथ ही उन्होंने इसके खिलाफ कूटनीतिक स्तर पर अपना विरोध दर्ज कराने की भी बात कही।

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नरेंद्र मोदी के अरुणाचल

खबरों के मुताबिक़ चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने भारत और चीन की सीमा का निर्धारण करने वाली मैकमहोन रेखा को अवैध करार दिया। प्रवक्ता ने कहा कि चीनी क्षेत्र को भारत में मिलाने के लिए अंग्रेजों ने 1914 में यह रेखा खींची थी।

दोनों देशों के बीच 3488 किमी की सीमा विवादित है, जिसे हल करने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की नियुक्ति की गई है और इस संबंध में 20 दौर की बातचीत हो चुकी है।

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि चीन-भारत सीमा को लेकर चीन की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है जिस पर वह लगातार कायम है।

चीन सरकार ने कभी भी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व को मान्यता नहीं दी है और वह मोदी के इस विवादित क्षेत्र के गुरुवार के दौरे का कड़ा विरोध करता है।

गेंग ने कहा कि भारत और चीन के बीच आपसी विवादों के उचित निपटारे के लिए महत्वपूर्ण सहमति बनी है और दोनों पक्ष समझौते और सहमति के आधार पर सीमा विवाद को हल करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस मामले में चीन ने भारत से आग्रह किया है कि वह विवादों को सुलझाने को लेकर बनी सहमति का सम्मान करे और ऐसा कोई कदम न उठाए जिससे सीमा का सवाल उलझ कर रह जाए।

प्रवक्ता ने कहा कि भारत को द्विपक्षीय संबंधों में आए सुधार का स्वागत करते हुए ऐसे हालात पैदा करने चाहिए ताकि सीमा वार्ता और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए उचित माहौल बन सके। मालूम हो कि इससे पहले भी चीन भारतीय नेताओं के अरुणाचल दौरे पर आपत्ति जताता रहा है।

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