घर में मातृभाषा में बात करने वाले बच्चे जल्द बन जाते हैं होशियार

लंदन। विदेश में रहने वाले बच्चे जो अपने घर में परिवार वालों के साथ मातृभाषा में बात करते हैं और बाहर दूसरी भाषा बोलते हैं, वह ज्यादा अक्लमंद होते हैं।
घर में मातृभाषा में बात करने वाले बच्चे जल्द बन जाते हैं होशियार
एक नए अध्ययन से यह जानकारी मिली है।

ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि जोबच्चे स्कूल में अलग भाषा बोलते हैं और परिवार वालों के साथ घर में अलग भाषा का इस्तेमाल करते हैं, वे बुद्धिमत्ता जांच में उन बच्चों के मुकाबले अच्छे अंक लाए जो सिर्फ गैर मातृभाषा जानते हैं।
इस अध्ययन में ब्रिटेन में रहने वाले तुर्की के सात से 11 साल के 100 बच्चों को शामिल किया गया।
इस आईक्यू जांच में दो भाषा बोलने वाले बच्चों का मुकाबला ऐसे बच्चों के साथ किया गया जो सिर्फ अंग्रेजी बोलते हैं।
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