यूपी में मंत्रियों को जिलों का प्रभार पुनः आवंटित, सीएम योगी और उनके उप-मंत्रियों को मिले इतने जिले
बैठक में निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके सहयोगी प्रत्येक मंत्री को उनके जिले में सौंपी गई जिम्मेदारियों के निर्वहन में भी मदद करेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक के दौरान मंत्रियों के बीच जिलों के प्रभार के पुनर्वितरण को लेकर बड़ा फैसला लिया। मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम के पास 25-25 जिलों का प्रभार रहेगा और हर चार महीने में जिलों का प्रभार बदल दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि प्रभारी मंत्री फील्ड में जाकर लोगों से मिलें, संवाद करें और जन समस्याओं का समाधान करें।
हर मंत्री को हर महीने अपने प्रभार वाले जिले का दौरा करना होगा। इस दौरान प्रभारी मंत्री को रात्रि प्रवास करना होगा और केंद्र/राज्य सरकार की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए काम करना होगा। जिले के दौरे की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को भेजी जाएगी। जिलों में प्रवास के दौरान हर वर्ग से संवाद करने और विकास कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
‘पीएम के जन्मदिन पर स्वच्छता महाभियान’
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस पर 17 सितम्बर को स्वच्छता महाभियान का शुभारम्भ किया जाएगा। प्रस्तावित कार्यक्रम के दौरान जिलों में प्रभारी मंत्रियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। योगी ने कहा कि स्वच्छता के इस अभियान को जनांदोलन बनाने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे।
सीएम योगी का मंत्रियों को निर्देश
जिले के प्रभारी मंत्री के रूप में, मंत्री प्रत्येक माह कम से कम एक बार 24 घंटे अपने जिले में रहेंगे। प्रभारी मंत्री सरकार से संबंधित मुद्दों पर कोर कमेटी के साथ चर्चा करेंगे और विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर हर माह सरकार में संबंधित विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्तुत करेंगे।
प्रत्येक दौरे के दौरान जिले के प्रमुख नागरिकों, धार्मिक नेताओं, प्रगतिशील किसानों, व्यापारिक संगठनों और सामाजिक नेताओं के समूहों में से किसी एक के साथ बैठक होनी चाहिए।
अपेक्षा है कि जनपद की समीक्षा बैठक में जन शिकायतों का निस्तारण गुण-दोष के आधार पर किया जाए। कानून एवं सुरक्षा से संबंधित मामले, राजस्व विभाग से संबंधित मामले जैसे वरासत, पैमाइश, नामांतरण, भू-उपयोग सहित आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन आदि की समीक्षा कर गुण-दोष के आधार पर निस्तारण किया जाए। इसकी समीक्षा की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय एवं संबंधित विभाग को अनिवार्य रूप से भेजी जाए।
प्रवास के दौरान केन्द्र एवं राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं एवं जन कल्याणकारी योजनाओं का स्थानीय स्तर पर भौतिक सत्यापन भी किया जाए। प्रवास के दौरान निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल, ग्राम सचिवालय, क्रय केन्द्र, उचित दर की दुकान, कृषि विज्ञान केन्द्र में से किसी एक का भौतिक निरीक्षण अपेक्षित है।
निर्माणाधीन अटल आवासीय विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय, स्कूल, राजकीय महाविद्यालय, कस्तूरबा गांधी विश्वविद्यालय/महाविद्यालय, पॉलिटेक्निक/आईटीआई के संचालन के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर समीक्षा की जाए।
स्थानीय पर्यटन विकास की संभावनाओं को तलाशा जाए तथा प्रचार-प्रसार पर चर्चा की जाए। जिले में प्राप्त निवेश प्रस्तावों की समीक्षा की जाए तथा उद्यमी मित्रों एवं स्थानीय बैंकर्स के साथ विचार-विमर्श किया जाए।
जिले में यातायात समस्या के संबंध में जिला प्रशासन/पुलिस प्रशासन के साथ बैठक करना। जिले में सड़क सुरक्षा के उपायों की समीक्षा करना। जिले की समीक्षा बैठक में आकांक्षी विकास खंडों की समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/जिला अस्पताल/मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण एवं कार्यक्रमों की समीक्षा। आयुष्मान कार्ड, दवाओं की उपलब्धता, अस्पतालों में डॉक्टरों/पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता। आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, ग्राम सचिवालयों के निर्माण, गांव में तैनात कार्मिकों की उपस्थिति आदि का निरीक्षण करना आवश्यक है।