रोहिंग्या मुस्लिमों पर मोदी के कद्दावर नेता ने दिखाया ‘सॉफ्ट कार्नर’, बवाल शुरू
नई दिल्ली। देश में मौजूद रोहिंगियां मुसलमानों को लेकर जब केंद्र ने अपना रुख साफ़ कर दिया वहीं मोदी सरकार के कद्दावर नेता ने रोहिंग्या के समर्थन में एक बड़ा बयान दे दिया। यह बयान बेहद ही चौकाने वाला भी है और सोंच को बदलने वाला भी।
बता दें दिया गया यह बयान भाजपा सांसद वरुण गांधी का है। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी। ट्वीट के साथ उन्होंने ‘नवभारत टाइम्स’ समाचार पत्र में छपे उनके लेख की प्रति भी शामिल की, जिसका शार्षक ‘रोहिंग्या शरणार्थियों को यूं न ठुकराएं’ दिया गया है।
वरुण गांधी के इस ट्वीट से एक दिन पूर्व ही म्यांमार सेना की ओर से भारतीय सेना को संदेश दिया गया था। संदेश में रोहिंग्या मुस्लिमों को हिदुओं का हत्यारा बताया गया था। ऐसे में सर्वप्रथम देश की सुरक्षा के बारे में केंद्र का सोंचना लाजमी है।
इससे पहले केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं और वे देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।
केन्द्रीय खुफिया एजेंसियों ने रोहिंग्या मुसलमानों के आतंकी समूहों के साथ संबंधों को लेकर रिपोर्ट दी है। भारत में इस वक्त लगभग 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं।
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपनी अपील में कहा है कि भारत को म्यांमार से आए रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को शरण देना चाहिए।
अखबार में दिए उनके लेख में सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद ने कहा कि हमें रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने या ना देने का फैसला करने से पहले भारत की सांस्कृतिक परंपराओं का ध्यान रखना चाहिए।
वरुण गांधी ने लिखा कि, ‘आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए। लेकिन वरुण गांधी की इस अपील को देश की सरकार ने खारिज कर दिया है।
वरुण के ट्वीट पर विरोध करते हुए केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि जो देश के हित में सोचेगा वो इस तरह के बयान नहीं देगा।
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वरुण गांधी ने अपने लेख में बताया कि भारत को शरणार्थियों को शरण देना जारी रखना चाहिए। उन्होंने लिखा, ‘जिन इलाकों में बड़ी संख्या में शरणार्थी हों, वहां तनाव और भेदभाव कम करने के लिए स्थानीय निकायों को आगे बढ़ कर मकान मालिकों और स्थानीय एसोसिएशनों को इनके प्रति संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाने चाहिये।’
इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार से स्पष्ट रिफ्यूजी नीति भी बनाने की अपील की। हालांकि वरुण गांधी ने कहा कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने से पहले उनके रिकॉर्ड भी चेक किये जाने चाहिए।
बीजेपी सांसद ने लिखा, ‘हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आकलन भी करना चाहिए।’
वरुण गांधी ने कहा कि दिल्ली में रहने वाले ज्यादातर अफगानियों और म्यांमारियों को मकान मालिकों के भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
हालांकि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर द्वारा वरुण गांधी के इस बयान पर सवाल उठाये जाने के बाद वरुण को सफाई देनी पड़ी।
वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि उन्होंने भारत की शरण देने की नीति पर चर्चा की थी और जहां तक रोहिंग्या मुसलमानों के लिए दया भाव का सवाल है तो उन्हें शरण देने से पहले सभी की जांच की जानी चाहिए।
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