नवरात्रि के तीसरा दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा, इस व्रत कथा श्रवण से होगा सुख-समृद्धि का आगमन

(कोमल)

Navratri Third Day 2022: नवरात्रि का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा को समर्पित है. इस विधि विधान के साथ मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा पापों का नाश और राक्षसों का वध करती हैं।

तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की आराधना करने के लिए सबसे पहले पूजा के स्थान पर देवी की मूर्ति की स्थापना करें इसके बाद इन्हें गंगा जल से स्नान कराएं और धूप-दीप, पुष्प, रोली, चंदन और फल-प्रसाद से देवी की पूजा करें जिसके बाद अब वैदिक और संप्तशती मंत्रों का जाप करें और मां के दिव्य रुप में ध्यान लगाएं ध्यान लगाने से आप अपने आसपास सकारात्मक उर्जा का संचार करते हैं ।

मां चंद्रघंटा की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, दानवों के आतंक को खत्म करने के लिए मां दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का स्वरूप लिया था. महिषासुर नामक राक्षस ने देवराज इंद्र का सिंहासन हड़प लिया था और वह स्वर्गलोक पर राज करना चाहता था। उसकी यह इच्छा जानकार देवता बेहद ही चितिंत हो गए और देवताओं ने इस परेशानी के लिए त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश की सहायता मांगी यह सुन त्रिदेव क्रोधिक हो गए. इस क्रोध के चलते तीनों के मुख से जो ऊर्जा उत्पन्न हुई उससे एक देवी का जन्म हुआ भगवान शंकर ने इन्हें अपना त्रिशूल और भगवान विष्णु ने अपना चक्र प्रदान किया। इसी प्रकार अन्य सभी देवी देवताओं ने भी माता को अपना-अपना अस्त्र सौंप दिया। वहीं, इंद्र ने मां को अपना एक घंटा दिया. इसके बाद मां चंद्रघंटा महिषासुर का वध करने पहुंची। मां का यह रूप देख महिषासुर को यह आभास हुआ कि, इसका काल नजदीक है..और महिषासुर ने माता रानी पर हमला बोल दिया। फिर मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का संहार कर दिया…इस प्रकार मां ने देवताओं की रक्षा की ।

मां चंद्रघंटा को लगाए भोग

नवरात्री के तीसरे दिन अगर कन्याओं को खीर, हलवा और स्वादिष्ट मिठाई भेंट की जाए तो मां बेहद प्रसन्न हो जाती हैं और आज के दिन मां चंद्रघंटा को प्रसाद के रूप में गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाया जाता है ऐसा करने से व्यक्ति हर बाधा से मुक्त हो जाता है।

LIVE TV