
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अब मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन का कहना है कि पेट्रोलिय उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना चाहिए। वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 पेश किए जाने के बाद सुब्रमनियन ने एक प्रेसवार्ता में कहा, “पेट्रोलियम उत्पाद, बिजली और रियल स्टेट को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए और उसका कारण भी हो। लेकिन अगर ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी कारण है तो उसे जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए।”
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछल सप्ताह महानगरों में तीन साल में सबसे ज्यादा इजाफा दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पेट्रोल का दाम 72.49 रुपये प्रति लीटर हो गया था, जो तीन साल में सबसे ऊंचा स्तर है। इसी प्रकार कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में भी पेट्रोल की कीमतें तीन साल के ऊपरी स्तर पर दर्ज की गईं। डीजल की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है।
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मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने कहा कि सभी वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही।
उन्होंने कहा, “तीन से पांच साल के बीच हम सिर्फ एक दर के बारे में सोचेंगे क्योंकि हम उसके फायदे देख रहे हैं, जोकि काफी दमदार है। लेकिन अल्पावधि में इसे ज्यादा से ज्यादा सरलीकरण और तर्कसंगत बनाने का मामला है।”