लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने शुरू की ‘अयोध्या’ पॉलिटिक्स, हो रहा निर्माण!

राम अनुज भट्ट

लखनऊ। ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा देने वाली भाजपा को एकबार फिर से राम की याद आने लगी हैं। भाजपा की प्रदेश में हो रही हार से गठबंधन को मात देने के लिए राम के नाम की पतवार थाम 2019 के लोकसभा चुनाव को जीतना चाहती है।

भारतीय जनता पार्टी

मंदिर का मुद्दा भले ही कोर्ट के आदेश का इन्तजार कर रहा हो। लेकिन विवादित स्थल के बाद संपूर्ण  अयोध्या का विकास शुरू हो गया है। सरयू से लेकर 84 कोसी परिक्रमा तक सब का विकास शुरू किया जा रहा है।

अयोध्या को देश के प्रमुख आध्यात्मिक एवं धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की कवायद तेज होती जा रही है। सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, जिससे पंच कोसी, चौदह कोसी तथा चौरासी कोसी परिक्रमा करने में आसानी हो।

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राम को केंद्र में रखते हुए भूमिगत विद्युत आपूर्ति व्यवस्था करने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया। स्वदेश दर्शन योजना को भी प्रारुप दिया जा रहा है। भाजपा भले ही ये कहे कि 2019 लोकसभा चुनाव से ना जोड़ा जाए। लेकिन प्रदेश के उप-चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद से भाजपा को एकबार फिर राम याद आने लगे हैं।

अयोध्या के सभी पौराणिक स्थलों का सौंदर्यीकरण के साथ ही सरयू नदी की सफाई और नदी में गिरने वाले नालों का पानी रोकने की कवायद भी शुरू हो गई। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अयोध्या में अच्छे होटलों के निर्माण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव से ही भाजपा ने  2019 के चुनाव कि नीव रख दी गई थी।

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वहीँ भाजपा प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने भी राम मंदिर पर सधे हुए शब्दों में मंदिर की वकालत की। उन्होंने मामले को कोर्ट में होने के नाते ज्यादा कुछ कहना सही नहीं समझा।

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