जनता त्रस्त, भाजपा मस्त… सत्ता के सिंहासन पर पहुंचकर भूले ये जनहित वादे

रिपोर्ट- राम अनुज भट्ट

लखनऊ। मोदी… मोदी… मोदी… यह नारा तो आपने खूब सुना होगा और आज भी सुन रहे होंगे। चाहे जनाब का भाषण लाल किले की प्राचीर से हो या फिर किसी चुनावी सभा में यह नारा ऐसे गूंजता है। मानो मुसीबत में फंसा हुआ कोई इंसान ऊपर वाले को याद कर रहा है। पर वाकई जनता आज परेशान है। बदहाल हैं या यूं कहें के बयां करने के लिए भी कोई शब्द नहीं।

भाजपा

2014 के चुनाव में इस नारे ने ही जनता में एक आस जगाई है कि शायद यही वह कर्णधार है। जो महंगाई और भ्रष्टाचार से देश की नैया पार लगाएगा। कई बार ऐसा प्रचारित भी हुआ के मोदी जी महंगाई पर लगाम लगा रहे हैं। पर 4 साल बाद यह नारा भी लोगों को परेशान कर रहा है।

महंगाई पर तो लगाम लगी नहीं जिस कांग्रेस की दुहाई भाजपा सरकार ने दी थी। अब पेट्रोल के दाम मानों घटना तो दूर स्थिर भी नहीं रह पा रहे हैं। और लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सरकार चाहे लाख कोशिश कर ले जनता इन बढ़ते दामों से वाकई त्रस्त है।

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न तो अब इस जनता को मोदी का भाषण अच्छा लग रहा है। न ही विशेषज्ञों द्वारा दिया हुआ ज्ञान। जनता तो बस इतना जानना चाहती है कि आखिर सरकार ने अच्छे दिनों का वादा कर बुरे दिन से भी बदतर हालात में लाकर खड़ा कर दिया है।

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बहरहाल, जनता को आज बचे हुए 8 महीने में भी आस है कि मंहगाई कम होगी। अच्छे दिन आएंगे। पर जनता  आज भी बढ़ती मंहगाई की मार से त्रस्त है।

देखें वीडियो:-

https://youtu.be/N5wI0-zVsC4

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