
राजधानी दिल्ली में दिवाली से ठीक पहले वायु प्रदूषण का स्तर फिर से खतरनाक मोड़ ले चुका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, रविवार सुबह शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया।
आनंद विहार में सबसे अधिक 430 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ (401-500) श्रेणी में है। इसी तरह, अक्षरधाम मंदिर के आसपास 426, वजीरपुर में 364, विवेक विहार में 351, द्वारका में 335, आरके पुरम में 323, जहांगीरपुरी, दिलशाद गार्डन और सिरि फोर्ट में 318, पंजाबी बाग में 313, नेहरू नगर में 310, अशोक विहार में 305 तथा बवाना में 304 का AQI रिकॉर्ड किया गया। शहर का औसत AQI 339 पर पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ (301-400) श्रेणी में आता है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बरती है। इंडिया गेट और अन्य प्रमुख इलाकों में पानी के छिड़काव यंत्र (मिस्ट स्प्रिंकलर) तैनात किए गए हैं, ताकि धूल और कणों को हवा में फैलने से रोका जा सके। हालांकि, इंडिया गेट क्षेत्र का AQI अभी भी 269 पर है, जो ‘खराब’ (201-300) श्रेणी में बना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, पराली जलाने, वाहनों के धुएं और निर्माण कार्यों से प्रदूषण बढ़ रहा है। दिल्ली-NCR में 38 निगरानी स्टेशनों में से 12 ‘बहुत खराब’ और 9 ‘गंभीर’ श्रेणी में हैं। गाजियाबाद में 324, नोएडा में 298 तथा गुरुग्राम में 258 का AQI दर्ज हुआ।
AQI श्रेणियां इस प्रकार हैं: अच्छा (0-50), संतोषजनक (51-100), मध्यम (101-200), खराब (201-300), बहुत खराब (301-400) तथा गंभीर (401-500)। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि बच्चे, बुजुर्ग और श्वास रोगी घर से बाहर न निकलें। N-95 मास्क पहनें, खिड़कियां बंद रखें और इनहेलर साथ रखें।
दिल्ली सरकार ने GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के तहत निर्माण कार्य सीमित करने और ऑड-ईवन की तैयारी शुरू कर दी है। यह स्थिति दिवाली के पटाखों से और बिगड़ सकती है, इसलिए इको-फ्रेंडली पटाखों का इस्तेमाल करें।