
देश में कोरोना की दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ती हुई नजर आ रही हो, लेकिन तीसरी लहर का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। तीसरी लहर को लेकर सभी राज्य अलर्ट पर हैं। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की पूर्ती में लगे हुए हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश के काशी हिंदु विश्वविद्यालय (BHU)ने एक दावा किया है। जिसमें कहा गया है कि गंगा जल कोरोना के इलाज में कारगर साबित हो सकता है।

यह दावा बीएचयू के तंत्रिकारोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिषेक पाठक और डॉ. वीएन मिश्रा ने किया है। दोनों ने प्रयागराज में प्रेस क्लब में हुई बैठक के दैरान ये दावा किया है। डॉक्टरों का कहना है कि हिमालय से निकलने वाली गंगा में ‘बैक्टीरियोफेज’ पाया जाता है।
‘बैक्टीरियोफेज’ से कार्य बैक्टीरिया को नष्ट करने का होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गंगा जल में करीब 1300 प्रकार के बैक्टीरियाफेज की पुष्टी हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल संसाधन विभाग के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने गंगा जल का इलाज में इस्तेमाल के संबंध में क्लिनिकल अध्ययन करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 27,254 नए मामले सामने आए है। वहीं, 219 लोगों की कोरोना से मौत हुई। देश में कोरोना के कुल मामले 3,32,64,175 हैं। जबकि, सक्रिय मामले 3,74,269 है। इस संक्रमण से अबतक कुल 4,42,874 मौतें हुई है।