अटल जी की आत्मशांति के लिए उनकी पौत्री ने गंगा घाट पर किया तर्पण

रिपोर्ट- शशांक दीक्षित

कानपुर। महिलाओं के धार्मिक अधिकारों पर लगी बन्दिशों को तोड़ने का क्रम एक बार फिर कानपुर में देखने को मिला है। यहां श्राद्ध करने के पुरूष एकाधिकार को तोड़ते हुए इस साल पितृपक्ष में महिलाऐं अपने पूर्वजों का तर्पण कर रही हैं। बीजेपी के दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपई की आत्मशांति के लिए उनकी पौत्री नंदनी ने तर्पण किया।

अटल का तर्पण

कानपुर के इस गंगा घाट पर महिलाओं के समूह को तर्पण करते देखकर कोई भी कह उठेगा कि बेटिया बेटो से किसी भी मायने में पीछे नहीं है। इस महा तर्पण में अटल बिहारी वाजपेई की आत्मशांति के लिए उनकी पौत्री नंदनी मिश्रा ने पूरे विधि विधान से तर्पण किया और अटल जी की आत्मशांति के लिए प्रार्थना की। बेटी बचाओ अभियान नामक संगठन तो पिछले कई सालों से बेटियों के हाथों पित्तरों को तर्पण कराने का कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

जानकारों का कहना है कि महान विदुषी गार्गीय खुद अपने पिता का तर्पण करती थीं। मुगलकाल में हिन्दू नारियों की अस्मिता रक्षा के लिये पर्दे में रखा गया तो तमाम कर्मकाण्डों से नारिया दूर हो गयीं। लेकिन बेटियों के हाथों तर्पण वेद सम्मत है और अब प्रगतिशील जमाने में जब नारियाॅ हर काम में पुरूष के कन्धे से कन्धा मिलाकर चल रही हैं तो सनातन परम्पराओं को बहाल किया जा सकता है।इस महातर्पण में अटल बिहारी वाजपेई की पौत्री नंदिता मिश्रा भी शामिल हुयी। नंदिता ने पहले अटल जी फोटो पर पुष्प अर्पित किये उसके बाद महा तर्पण किया।

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यूं तो कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ सन्देश प्रचारित करने के लिये सरकार तमाम तरह के आयोजन करती है। भाषण दिये जाते हैं, जुलूस निकाले जाते और नारे भी गढ़े जाते हैं। लेकिन मानव धर्म का प्रचार प्रसार कर रही इन महिलाओं से क्या पूरा समाज कोई सीख लेगा।

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