आसनसोल हिंसा से तनाव में बंगाल… हालात कंट्रोल से बाहर, घर छोड़ने को मजबूर हुए हिन्दू
नई दिल्ली। रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल के आसनसोल में हुई हिंसा की वजह से चार दिन बाद भी यहां तनाव का माहौल है। मामले को लेकर दोबारा बवाल न हो इसके लिए यहां धारा 144 लगा दी गई है। आलम यह है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से हिन्दू समुदाय के लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि वे उस सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं, जहां मुस्लिमों की आबादी कम हो। इलाके में भारी सुरक्षा-बल तैनात किए गए हैं।
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खबरों के मुताबिक़ ये भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस मामले से निपटने के लिए ममता बनर्जी ने अभी तक कुछ नहीं किया।
आ रही रिपोर्ट के मुताबिक़ आसनसोल में करीब 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गांवों में हालात अभी भी बिगड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली से गुरुवार को वापस राज्य में लौट सकती हैं। आसनसोल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो यहां के दौरे पर हैं।
उन्होंने ट्विटर पर ममता सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इंटरनेट बंद करने के फैसले की जमकर भर्त्सना की।
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वहीं खबर यह भी है कि राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी आसनसोल जाने की तैयारी में थे मगर ममता सरकार ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थता जता दी।
राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इलाके में पुलिस की तैनाती को देखते हुए माननीय राज्यपाल को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करा पाना मुश्किल होगा। राज्य सरकार ने राज्यपाल को ‘दुर्गापुर दौरे पर न जाने’ की सलाह दी।
पुलिस ने बताया कि आसनसोल में बीजेपी द्वारा रामनवमी जुलूस निकालने के दौरान हिंसा भड़की थी। कथित तौर पर जुलूस उधर से ले जाया गया जहां मुस्लिम ज्यादा संख्या में रहते हैं। दो समूहों के बीच पुलिस के हस्तक्षेप करने के बावजूद हिंसक भिड़ंत हुई।
वहीं बुधवार (28 मार्च) को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से बीते दो दिनों में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई आगजनी व हिंसा की घटनाओं पर रिपोर्ट मांगी।
मंत्रालय के अनुसार, केंद्र सरकार ने राज्य के कुछ जिलों में हिंसा व तनाव के जारी रहने की खबरों के मद्देनजर अर्धसैनिक बलों की सहायता की पेशकश भी की है।
पुलिस कमिश्नर के अनुसार, इंटरनेट पर 48 घंटों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। इस बीच, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हिंसा के बाद हिन्दू समुदाय के लोग वहां से पलायन कर रहे हैं।
एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान एक पलायनकर्ता ने कहा, “हम सुरक्षित जगह पर जा रहे हैं। हम अपने परिवारों को वहां ले जा रहे हैं जहां मुस्लिम आबादी बेहद कम हो।”
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