अमेरिका ने हाफिज को दिया 440 वोल्ट का झटका, अब भारत ने मारा नहले पे दहला

न्यूयॉर्क| आतंकी हाफिज सईद पर अमेरिकी कार्रवाई से भारत की बांछें खिल गई हैं। भारत ने मंगलवार को बयान जारी करते हुए अमेरिका के इस कदम का स्वागत किया है। अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) पर शिकंजा कसने के लिए उसकी राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) और सात नेताओं के साथ ही एक अन्य मोर्चे के संगठन को आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल कर लिया है।

आतंकी हाफिज सईद

आतंकी हाफिज सईद को मिला झटका

माना जा रहा है कि भारत के इस कदम से पाकिस्तान को मिर्ची लग सकती है। क्योंकि पाकिस्तान में मिल्ली मुस्लिम लीग इस बार चुनावी मैदान में है और पाकिस्तान की अवाम में हाफिज सईद की लहर सी चल रही है।

अमेरिका के विदेश व राजस्व विभागों ने सोमवार को घोषणा कर कहा कि एमएमएल जो एलटीई प्रमुख हाफिज सईद के पोस्टर के साथ खुले तौर पर अभियान चलाता है, को दो विभिन्न कानून के तहत विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) में सूचीबद्ध किया है।

विदेश विभाग ने कहा कि दूसरा एलईटी मोर्चा तहरीक-ए-आजादी-ए-कश्मीर (टीएजेके) को भी आतकंवादी की सूची में शामिल किया गया है।

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राजस्व विभाग ने कहा कि एमएमएल अध्यक्ष सैफुल्लाह खालिद, महासचिव फय्याज अहमद और पांच अन्य को भी लक्षित किया गया है।

विदेश विभाग के अनुसार, “एलईटी का पाकिस्तान में स्वतंत्र रूप से काम करना जारी है। वह सार्वजनिक रैलियों का आयोजन करता है। धन जुटाता है और आतंकवादी हमलों के लिए साजिश रचता है व उसका प्रशिक्षण देता है।”

विभाग के आतंकवाद विरोधी समन्वयक नैथन ए. सालेस ने वाशिंगटन में कहा, “कोई गलती न करें। एलटी चाहे खुद को जिस किसी नाम से बुलाए, वह एक हिंसक आतंकवादी समूह बना हुआ है।”

उन्होंने कहा, “आज के संशोधनों का उद्देश्य लश्कर-ए-तैयबा के अपने असली रूप को लेकर लोगों को धोखा देने के प्रयासों को रोकना है।”

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राजस्व विभाग की उपसचिव सिगल मंडेलकर ने चेतावनी देते हुए कहा कि मिल्ली मुस्लिम लीग के साथ काम करने वालों और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने वालों को दोबारा विचार करना चाहिए कि ऐसा करना अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ हो सकता है।

उन्होंने कहा, “राजस्व विभाग मिल्ली मुस्लिम लीग और सात वैश्विक आतंकवादियों के एक समूह को लक्षित कर रही है जो पाकिस्तान की राजनीतिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लश्कर-ए-तैयबा के प्रयासों में शामिल हैं।”

बता दें कि एलईटी मुंबई में वर्ष 2008 में हुए हमलों का जिम्मेदार है, जिसमें छह अमेरिकी सहित 166 लोग मारे गए थे।

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