‘सर्कस के शेर’ ने योगी को दिया जवाब, कहा- पिंजड़े से निकलूंगा तब पता चलेगा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सूबे की योगी सरकार के उस बात का जवाब दिया है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के अंदर सर्कस, शेर और शिकार जैसी बातों का जिक्र सपा-बसपा गठबंधन के संदर्भ में कहा था।

अखिलेश यादव

दरअसल, अखिलेश यादव मैनपुरी में पत्रकारों से संवाद कर रहे थे, तभी संवादाताओं ने उनसे योगी आदित्यनाथ के दिए सर्कस के शेर वाले बयान पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि शेर चाहे कितना भी भूखा हो, लेकिन वह हमेशा शेर ही रहता है।

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सीएम योगी को करारा जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हम लोग अभी सरकार से बाहर हैं, इसलिए पिंजड़े में बंद हैं। जब पिंजड़े से बहार निकल कर आएंगे, तब पता चलेगा कि कौन, कैसा शेर है। हम पहले भी शेर थे और आज भी शेर हैं।

उन्होंने सरकारी दस्तावेजों में बाबा साहब का नाम बदल भीमराव आंबेडकर की जगह ‘भीमराव रामजी आंबेडकर’ किए जाने के विषय में कहा, अब तो बहुत जरूरी हो गया है कि भाजपा वालों को संविधान पढ़ लेना चाहिए खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तो जरूर अध्यन करना चाहिए।

अखिलेश ने कहा कि योगी जी अगर संविधान पढ़ लेंगे तो शायद सदन में समाजवाद को लेकर दिखने वाली उनकी नाराजगी भी नहीं दिखाई देगी।

गौरतलब है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा-बसपा गठबंधन के बाद विधानसभा में कहा था कि कुछ लोग आजकल सर्कस के शेर हो गए हैं। सर्कस का शेर शिकार करने में असमर्थ होता है, इसलिए दूसरों की जूठन पर ही अपनी पीठ थपथपाता और गौरवान्वित होने की कोशिश करता है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी ने समाजवाद पर टिप्पड़ी करते हुए कहा था कि धोखा‘ और ‘मृगतृष्णा‘ फासीवाद और जाती वाद की जड़ है इसे खत्म किया जाना चाहिए।

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जिसके जवाब में तब अखिलेश ने ट्वीट करते हुए कहा था कि संविधान की उद्देशिका में ‘समाजवादी’ शब्द संविधान की मूल भावना के रूप में दर्ज है।

आगे उन्होंने लिखा था कि मुख्यमंत्री का समाजवाद को ‘झूठा, समाप्त और धोखा’ कहना संविधान की अवमानना का गम्भीर मुद्दा है, इसके लिये उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिये और एक सच्चे योगी की तरह पद त्याग देना चाहिए।

उसके बाद अब जाकर अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के शेर-शिकार वाले बयान पर मीडिया के माध्यम से जमकर हमला बोला है।

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