भारत में डेल्टा वेरिएंट के बाद यह दोंनो वेरिएंट्स का बड़ा खतरा, WHO ने किया आगाह

कोरोना की दूसरी लहर की तबाही के बाद कोरोना के डेल्टा वेरिएंट को दुनियाभर में वैज्ञानिक सबसे खतरनाक मान रहे थे। अन्य देशों के लिए यह वेरिएंट बड़ी मुसीबत साबित हो रहा था। ऐसे में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन कर ही रहे थे कि पिछले दिनों सामने आए दो नए वेरिएंट्स ने वैज्ञानिकों को और गंभीर संकट में डाल दिया है।

Corona Delta Variant In India: कोरोना के खतरनाक Delta+वैरिएंट ने बढ़ा दी है  टेंशन, WHO ने दी है चेतावनी - Corona delta variant in india per cent cases  found in states who

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह कोरोना के इन नए वेरिएंट्स की प्रकृति पर नजर रखे हुए है। म्यू को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि म्यू वेरिएंट में ऐसे म्यूटेशन देखे गए हैं जो शरीर में वैक्सीनेशन से बनी प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे सकते हैं,  साउथ अफ्रेकिन वैरिएंट भी कमोबेश ऐसी ही प्रकृति वाला बताया जा रहा है। आइए आगे की स्लाइडों में इन दोनों नए वैरिएंट्स के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

बीते दिनों कोरोना के दो नए वैरिएंट्स- साउथ अफ्रेकिन वैरिएंट सी.1.2 और म्यू (बी.1.621) ने दुनिया के सामने बड़ी चुनौती पेश की है। कई रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि यह दोनों वैरिएंट्स सबसे संक्रामक माने जा रहे डेल्टा वैरिएंट्स से भी अधिक घातक हो सकते हैं। 

बता दे कोरोना का म्यू वैरिएंट सबसे पहले इस साल जनवरी में कोलंबिया में सामने आया था। म्यू वैरिएंट को फिलहाल डब्ल्यूएचओ ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया है, जिसका मतलब है कि स्वास्थ्य संगठन चरणबद्ध तरीके से इस वैरिएंट की प्रकृति की निगरानी करेगी। डब्ल्यूएचओ ने अपने साप्ताहिक महामारी बुलेटिन में इस नए वैरिएंट के बारे में बताया कि इसमें कई ऐसे म्यूटेशन देखे गए हैं जो टीकों के प्रतिरोध को मात देने की क्षमता रखते हैं, हालांकि इस बारे में विस्तार से जानने के लिए अध्ययन किया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने अपने साप्ताहिक बुलेटिन में बताया कि यह नया वैरिएंट प्रतिरक्षा प्रणाली को मात दे सकता है। डेल्टा के बढ़ते मामलों के बीच म्यू वैरिएंट ने चुनौतियां और बढ़ा दी हैं।   

कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अब अमेरिका में मचा रहा तबाही, आधे से ज्यादा केस  इसी के-Coronavirus Delta variant is now dominant in america– News18 Hindi

डेल्टा के बढ़ते मामलों के बीच पिछले दिनों वैज्ञानिकों ने कोरोना के एक नए वैरिएंट सी.1.2 के बारे में लोगों को सूचित किया था। दक्षिण अफ्रीका में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) और क्वाज़ुलु-नेटल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म (केआरआईएसपी) के शोधकर्ताओं ने बताया है कि इसी साल मई में सबसे पहले यह वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है। अगस्त के मध्य तक कोरोना का अत्यधिक संक्रामक यह वैरिएंट कई अन्य देशों में भी फैल चुका है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस वैरिएंट में N440K और Y449H जैसे म्यूटेशनों का पता चला है। यह म्यूटेशन शरीर में बनीं प्रतिरक्षा को आसानी से मात देने की क्षमता रखते हैं। इस आधार पर इस नए वैरिएंट को वैज्ञानिक काफी चुनौतीपूर्ण मान रहे हैं। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी डेटा में फिलहाल भारत में इन दोनों वैरिएंट्स के मिलने की सूचना नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को भी इन वैरिएंट्स के खतरे को लेकर विशेष सावधान रहने की आवश्कता है। चूंकि दोनों वैरिएंट्स में ऐसे म्यूटेशनों का पता चला है जो कि शरीर में बनी प्रतिरोधक क्षमता को मात दे सकते हैं, ऐसे में इनको लेकर अलर्ट रहना बेहद आवश्यक है।

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