
सिडनी। यूके के साउथ वेल्स में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को हैरत में डाल दिया। यहां बच्चे को जन्म देने के दौरान एक 22 वर्षीय महिला की मौत हो गई। करीब एक घंटे की लगातार मेहनत के बाद डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई। उसके दिल ने फिर से धड़कना शुरू किया। इसे कुदरत का करिश्मा कहना गलत न होगा। लेकिन कहानी बस इतने पर ही खत्म न थी।
डॉक्टरों द्वारा 68 मिनट तक की गई मेहनत के बाद शेनन एवर्ट के दिल ने धडकना तो शुरू किया लेकिन उसका दिमाग अभी भी सो रहा था। यानी मेडिकली वह कोमा में जा चुकी थी।
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इस स्थिती में उसे दो हफ्तों तक हॉस्पिटल में ही रखा गया। करीब दो हफ़्तों बाद ऊपर वाले का रहम हुआ और शेनन के दिमाग ने फिर से काम करना शुरू किया।
शेनन को होश आया… जब उसके परिजन उससे मिलने पहुंचे और उसके नवजात बच्चे निको के जन्म के बारे में बताना चाहा तो सभी को तगड़ा झटका लगा।
दरअसल शेनन मौत के मुंह से बाहर तो आ गई थी, लेकिन 22 साल की शेनन का दिमाग एक 13 साल के बच्चे को परिलक्षित कर रहा था।
यानी 13 साल की उम्र के बाद बिताए गए जीवन को शेनन पूरी तरह से भूल चुकी थी। उसे यह याद भी नहीं था कि उसका एक पति और दो बच्चे हैं, जिनमें से एक को अभी कुछ ही दिन पहले उसने जन्म दिया।
शेनन की दिमागी स्थिति को देखते हुए उसे डॉक्टरों की देख-रेख में रखा गया। करीब छह हफ्तों के बाद उसे घर ले जाने की परमिशन दी गई।
बता दें मुसीबत अभी भी टली नहीं थी। डिलीवरी के दौरान अधिक खून बह जाने के कारण उसका दिमागी स्तर तो गिर ही गया था। साथ ही वह चलने-फिरने से भी लाचार हो चुकी थी और देखने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।
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डिस्चार्ज होने के बाद उसे 24 घंटों की देखभाल की जरूरत है। इस कारण उसे उसकी मां निकोला एवर्ट के घर ले जाया गया। यहाँ उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति में सुधार का भरसक प्रयास किया जा रहा है।
शेनन के पति लोन का कहना है कि वह घर में नए बच्चे को लाने के लिए हॉस्पिटल गए थे। लेकिन अब उन्हें वहां शेनन के रूप में एक और बच्चा मिल गया है। उसे बहुत देखभाल की जरूरत है।
वहीं दूसरी ओर लोन के साथ शेनन के परिजनों का कहना है कि उन्होंने तो शेनन के बचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। पर आज वह उनके साथ है।
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