धराली आपदा: पुनर्वास और स्थायी आजीविका के लिए अंतिम रिपोर्ट तैयार, समिति आज सौंपेगी शासन को

उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बीते पांच अगस्त को खीरगंगा में आए सैलाब ने भारी तबाही मचाई थी, जिसमें गांव मलबे में समा गया। इस आपदा से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार कर ली है। सोमवार को यह रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।

समिति ने ज्योर्तिमठ आपदा के मॉडल की तर्ज पर प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास और राहत पैकेज की सिफारिश की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गठित इस समिति की अध्यक्षता सचिव राजस्व डॉ. सुरेंद्र नारायण पांडेय कर रहे हैं, जबकि यूकाडा के सीईओ डॉ. आशीष चौहान और अपर सचिव वित्त हिमांशु खुराना सदस्य हैं।

समिति ने आपदा से कुल 115 परिवारों के प्रभावित होने का आकलन किया है। उन्होंने 2023 में ज्योर्तिमठ में भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और राहत पैकेज का विस्तृत अध्ययन किया, जिसके आधार पर धराली के प्रभावितों के लिए सिफारिशें तैयार की गईं। समिति के सदस्यों ने प्रभावित परिवारों, जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों से सुझाव भी लिए। प्रभावितों ने जांगला, लंका और कोपांग जैसे स्थानों में बसाने का प्रस्ताव दिया है। इस रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश सरकार धराली के लिए दीर्घकालीन पुनर्वास योजना का खाका तैयार करेगी।

प्रदेश सरकार ने ज्योर्तिमठ के प्रभावितों को भूमि और भवनों की क्षति की एवज में एकमुश्त समाधान (वन टाइम सेटलमेंट) के साथ-साथ घर के बदले घर, भूमि के बदले भूमि, घर निर्माण के लिए अधिकतम 100 वर्ग मीटर क्षेत्र और पुनर्वास स्थल पर अधिकतम 75 वर्ग मीटर में डुप्लेक्स भवन निर्माण का विकल्प प्रदान किया था। धराली के मामले में भी इसी तरह की व्यवस्था की सिफारिश की गई है, ताकि प्रभावित परिवारों को स्थायी राहत मिल सके।

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