जम्मू-कश्मीर: ऑपरेशन अखाल के 9वें दिन कुलगाम में मुठभेड़, 2 सैनिक शहीद, 5 आतंकवादी ढेर

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में चल रहे ऑपरेशन अखाल के नौवें दिन शुक्रवार-शनिवार की रात हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो सैनिक शहीद हो गए, जबकि चार अन्य घायल हो गए। शहीद सैनिकों की पहचान लांस नायक प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के रूप में हुई है। इस ऑपरेशन में अब तक पांच से अधिक आतंकवादी मारे जा चुके हैं, और कम से कम तीन आतंकवादियों के अभी भी घने जंगल में छिपे होने की आशंका है।

ऑपरेशन अखाल 1 अगस्त को कुलगाम के दक्षिण कश्मीर में अखाल जंगल क्षेत्र में शुरू हुआ था, जब सुरक्षा बलों को आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली। भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) की संयुक्त टीम ने तलाशी और घेराबंदी अभियान शुरू किया। शुक्रवार को शुरू हुई गोलीबारी रातभर चली, जिसमें चार सैनिक घायल हुए, जिनमें से दो की बाद में मृत्यु हो गई। इस ऑपरेशन में अब तक 10 सुरक्षाकर्मी घायल हो चुके हैं।

सेना के सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे और उनके पास नाइट-विजन डिवाइस, लंबी दूरी की राइफलें, और अन्य अत्याधुनिक हथियार थे। जंगल का घना और कठिन इलाका, जिसमें प्राकृतिक गुफाएँ और घनी वनस्पति शामिल हैं, इस ऑपरेशन को चुनौतीपूर्ण बना रहा है। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को ट्रैक करने के लिए ड्रोन, हेलीकॉप्टर, थर्मल इमेजिंग डिवाइस, और मानव रहित सशस्त्र वाहनों (यूएवी) का उपयोग किया है। पैरा कमांडो भी इस अभियान में शामिल हैं।

अखाल गांव के निवासियों ने लगातार गोलीबारी और विस्फोटों के कारण सुरक्षित स्थानों पर पलायन शुरू कर दिया है। विशेष रूप से महिलाएँ और बच्चे इस स्थिति से आघातग्रस्त हैं। प्रशासन ने स्थानीय लोगों की सहायता और आपात स्थिति में समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं।

चिनार कोर ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “लांस नायक प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह की वीरता और समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा। भारतीय सेना उनके परिवारों के साथ एकजुटता में खड़ी है।” ऑपरेशन अभी भी जारी है, और सुरक्षा बल जंगल में छिपे बचे हुए आतंकवादियों को ढूंढने में जुटे हैं।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि घने जंगल और गुफाओं जैसे प्राकृतिक ठिकानों के कारण ऑपरेशन की अवधि बढ़ रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी नलिन प्रभात और उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीकों का और विस्तार किया जाए।

सुरक्षा बलों ने इलाके में कड़ा घेरा बनाए रखा है और आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए विभिन्न दिशाओं से अभियान चलाया जा रहा है। मारे गए आतंकवादियों की पहचान और उनकी संबद्धता की जांच की जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की है।

यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों और सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाइयों को दर्शाता है। शहीद सैनिकों का बलिदान आतंकवाद के खिलाफ भारत की अटल प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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