हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हुई, 45 लोग अभी भी लापता; छह जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना: राज्य के छह जिलों कांगड़ा, ऊना, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जागरण डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान पांवटा साहिब में 67.2 मिमी, धर्मशाला में 55.6 मिमी, कांगड़ा में 46.3 मिमी, बिलासपुर में 43.5 मिमी और बरठीं में 18.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
हिमाचल बादल फटना: मंडी के राजबन गांव से एक शव बरामद होने के साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। 31 जुलाई और 1 अगस्त की दरम्यानी रात को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल में बादल फटने और उसके बाद अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी। अधिकारियों के अनुसार सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, हिमाचल प्रदेश पुलिस और होमगार्ड की टीमों के 410 बचावकर्मी वर्तमान में ड्रोन की मदद से इन जिलों में लगभग 45 लापता लोगों की तलाश में लगे हुए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार होमगार्ड कमांडेंट आरपी नेप्टा ने चल रहे बचाव अभियान के बारे में बताया, “समीक्षा बैठक हुई, जिसमें हर एजेंसी ने हिस्सा लिया। आज युद्ध स्तर पर काम होगा। सभी टास्क फोर्स को अलग-अलग काम सौंपे गए हैं। जेसीबी आ गई हैं। हम नदियों पर पुल और रोपवे बना रहे हैं। हम ज्यादा से ज्यादा शवों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। बचाव अभियान जारी है।”
राज्य के छह जिलों कांगड़ा, ऊना, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जागरण डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान पांवटा साहिब में 67.2 मिमी, धर्मशाला में 55.6 मिमी, कांगड़ा में 46.3 मिमी, बिलासपुर में 43.5 मिमी और बरठीं में 18.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से 116 सड़कें बंद
प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 116 सड़कें अभी बंद हैं। मंडी में एनएच 70 और 37 सड़कें, कुल्लू में एनएच 305 और 34 सड़कें और शिमला में 27 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में 93, मंडी में 37, रामपुर में 15 और हमीरपुर में 15 ट्रांसफार्मर खराब बताए गए हैं, जिस कारण सैकड़ों घरों में बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
शुक्रवार को समेज गांव का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीड़ितों के लिए 50,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की और कहा कि उन्हें गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ अगले तीन महीनों के लिए किराए के लिए 5,000 रुपये मासिक दिए जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि इस आपदा में 115 घर, 23 गौशालाएँ, 10 दुकानें और तीन मछली फार्म नष्ट हो गए हैं, इसके अलावा बुधवार रात से बादल फटने से मोटर, पैदल पुल और वाहन नष्ट हो गए हैं। 27 जून को मानसून की शुरुआत से अब तक राज्य को 662 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।