अब कंप्यूटर चलेगा नहीं दौड़ेगा… मिलेगी 1Tbps की इंटरनेट स्पीड
बढ़ती डाटा की खपत और यूजर्स की संख्या को देखते हुए ज्यादातर नेटवर्क प्रोवाइडिंग कंपनियां इंटरनेट की स्पीड को बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए शोधकर्ता हर दिन मेहनत कर रहे हैं। ताजा ख़बरों के मुताबिक़ इस सप्ताह शोधकर्ताओं ने नई रीफाइंड डाटा ट्रांसमिशन तकनीक को दिखाया। नोकिया बैल लैब्स, ड्यूशे टैलीकॉम टी-लैब्स और टैक्नीकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख ने दिखाया कि कैसे प्रोबेबिलिस्टिक कॉन्स्टिलेशन शेपिंग (पी.सी.एस.) तकनीक ने फाइबर ऑप्टिकल कनैक्शन की मदद से 1 टी.बी.- पी.एस. से ज्यादा की स्पीड को हासिल किया है।
नोकिया बैल लैब्स की नई तकनीक
यह नई तकनीक टैराबाइट नैटवर्क को वास्तविकता की ओर धकेलने वाला काम करती है। यह इस साल के एक और ऑप्टिकल सफलता को दर्शाता है जिसमें यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्त्ताओं ने 1.25 टी.बी.पी.एस. की स्पीड को हासिल किया था।
स्पीड के लिहाज से देखा जाए तो अल्फाबेट गूगल फाइबर 1 जी.बी.पी.एस. (यू.एस.) की स्पीड दे रहा है जो कि बेहद ही ज्यादा है लेकिन अगर गूगल फाइबर की तुलना पी.सी.एस. तकनीक से की जाए तो यह उससे भी 1000 गुना तेज है।
पी.सी.एस. तकनीक को पेश करने के बाद यह भी कहा गया कि इंटरनैट की इतनी स्पीड से गेम्स ऑफ थ्रोन्स की सारी सीरीज को हाई डैफिनेशन पर 1 सैकेंड में डाऊनलोड किया जा सकता है। हालांकि नैटफ्लिक्स जैसे ऑनलाइन माध्यम से सीरीज की वीडियो को एक बार में डाऊनलोड करने की जरूरत नहीं है।
नोकिया बैल लैब्स के मुताबिक यह ऑप्टिकल सफलता ऑप्रेटरों और उद्यमों को ऑप्टिकल मैट्रो तथा कोर नैटवर्क से हाई स्पीड डाटा ट्रांसमिशन की क्षमता में सुधार करने की अनुमति देगा। नोकिया ने समझाया कि पी.सी.एम. में क्वाडरेचर एम्प्लीच्यूड मॉड्यूलेशन (क्यू.ए.एम.) का प्रयोग कर ऑप्टिकल कम्युनिकेशन में तेजी लाई जा सकती है।