तेजस्वी यादव को मिली बड़ी जिम्मेदारी, क्या परिवाद को लेकर उठ सकता है विवाद ?

(Heena Kukreja)

पिछले कई दसकों से लालू यादव की पार्टी बिहार में एक क्षेत्रीय दल के रूप में स्थापित है। राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी के स्थापना से लेकर अबतक लालू प्रसाद यादव ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहे हैं, जो कि सर्वविदित है। लेकिन लालू प्रसाद यादव की स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण अपनी सारी जिम्मेदारी अपने छोटे बेटे तेजस्वी को सौंपते जा रहे हैं।

आपको बता दें कि लालू यादव ने मंगलवार को इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अपने पटना आवास पर पार्टी विधायक दल की बैठक आयोजित की थी। आयोजित बैठक में वरिष्ठ नेता जैसे शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्दकी, उदय नारायण चौधरी, बिहार इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह, लालू यादव की बेटी मीसा भारती, राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव मौजूद थे।

उक्त बैठक के दौरान समस्त नेताओं की मौजूदगी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पार्टी के सभी नीतिगत फैसले लेंगे के संदर्भ में प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे सर्वसम्मत से पारित भी कर दिया गया। प्रस्ताव पारित होने के बाद उदय नारायण चौधरी समेत अन्य नेताओं ने मीडिया को जानकारी दी।

बता दें कि बीते सप्ताह पार्टी नेता शिवानंद तिवारी ने फेसबुक पोस्ट में विधिवत रुप से तेजस्वी को पार्टी की कमान सौंपने की मांग भी की थी। उनके इस मांग के बाद यह निर्णय सामने आया है।

दरअसल तेजस्वी यादव को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाला है यह पहले से स्पष्ट था। क्योंकि पार्टी की ओर से बिहार विधान परिषद के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के समय जारी किए गए पत्र में तेजस्वी द्वारा उम्मीदवारों के नाम की घोंषणा की बात कही गई थी।

जारी किए गए पत्र में लिखा था कि लालू यादव के परामर्श के अनुसार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा विधान परिषद के चुनाव के लिए मो. कारी सोहैब, मुन्नी रजक और अशोक कुमार पांडेय को पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बनाया गया है।

गौरतलब है कि लालू यादव का ये कदम परिवारवाद के वशीभूत है। इस फैसले बाद देखना यह है कि पार्टी में कितने बागी चेहरे मुखर होते हैं। हालांकि लालू के लिए बड़ी समस्या यह भी थी कि परिवार में ही आखिकार किसको जिम्मेदारी दी जाए।

इसी दुविधा के कारण पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक आयोजित कर यह फैसला लिया गया, ताकि भविष्य में परिवार के अन्य सदस्य तेजस्वी यादव की विरोध न कर सकें।

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