देश के सभी प्रधानमंत्रियों पर अकेले भारी पड़े मोदी, तोड़ा 70 साल पुराना ‘बुलेटप्रूफ’ रिकॉर्ड
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 70वीं सालगिराह पर नया रिकॉर्ड बनाया। प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से बुलेटप्रूफ ग्लास के बिना देश को सम्बोधित किया।
लाल किले के प्राचीर से यह उनका तीसरा भाषण था। तीनों बार उन्होंने बुलेट प्रूफ ग्लास के बिना अपनी बात देश के सामने रखी।
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बीते 70 साल में प्रधानमंत्री बिना बुलेट प्रूफ ग्लास के अपनी बात रखने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बन चुके हैं।
My address to the nation from the ramparts of the Red Fort. https://t.co/LXTrcmZjlE pic.twitter.com/AYsimDuPcB
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2016
दरअसल, प्रधानमंत्री देश की जनता से सीधे संवाद में भरोसा रखते हैं। इसी वजह से वह सारे नियमों को दरकिनार करते हुए देश को सीधे सम्बोधित करते हैं। साल 2014 से प्रधानमंत्री लगातार ऐसा ही कर रहे हैं।
इतना ही नहीं, वह सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी इस छवि को देश के सामने खुलकर रखते हैं। यह हाल तब है, जबकि इस बार पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए नए तरह के बुलेटप्रूफ ग्लास बनाए गए थे।
बताया जा रहा है पीएम की सुरक्षा के लिए पहली बार चौतरफा ग्लास लगाए जाने थे, लेकिन पीएम ने इससे इनकार कर दिया।
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देश के प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा
बुलेट प्रूफ ग्लास का इस्तेमाल पहली बार साल 1985 में हुआ था। उस दौर में राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। इस बुलेटप्रूफ ग्लास में पहला बदलाव साल 1990 में किया गया।
प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने इस सुरक्षा घेरे की ऊंचाई आधी करा दी। लेकिन यह बदलाव ज्यादा दिन नहीं टिक सका।
साल 1991 में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के लाल किले पर दिए भाषण के दौरान वापस उनकी ऊंचाई के बराबर का सुरक्षा ग्लास लगा दिया गया।
आजादी के शुरुआती दौर में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी लाल किले के प्राचीर से जनता को सम्बोधित किया था। उन्हें किसी तरह की बुलेटप्रूफ सुरक्षा नहीं दी गई थी। लेकिन उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा रिकॉर्ड नहीं बनाया था।