आधुनिक शिक्षा और रोजगार के अभाव में शहरों की ओर पलायन करते लोग, क्या ऐसे ही होगा देश के भविष्य का  निर्माण

REPORT —BALWANT RAWAT

टिहरी – पलायन आज प्रदेश का सबसे बड़े मुद्दो में से एक बन चुका है जिसे भुनाकर चुनावी सीजन मे प्रत्येक दल अपनी चुनावी बैतरणी को पार करने की कोशिश कर पलायन को मुद्दा बनाकर जनता के मन जीतने की भरसक कोशिश करता है आखिर हो भी क्यो न क्योंकि लोग अपनी बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने के साथ साथ लोग अपने बच्चों को आधुनिक शिक्षा, रोजगार के लिए ही शहरों की ओर पलायन कर रहें है यही कारण है कि आज सरकार के लिए पलायन रोकना महज चिन्तन रह गया है।

आधुनिक शिक्षा और रोजगार

जिसका सबसे बड़ा कारण बच्चों को ग्रामीण क्षेत्रो में जरूरी शिक्षा न मिलना देखा गया है कही स्कूल भवन नही, कही एक शिक्षक के भरोसे पूरा विद्यालय , यही कुछ देखने को मिलता है राजकीय प्रथमिक विद्यालय मैण्डखाल मे  जहां पर वर्तमान में छात्र संख्या लगभग 35 से 40 के बीच है।

जिसके भवन का निर्माण लगभग 80 के दशक में हुआ था जिसमे दो कमरे एक बरामदे व एक छोटे से कार्यालय का निर्माण किया गया था जिसकी वर्तमान स्थिति अब जीर्ण शीर्ण हो चुकी है जिससे अब अविभावक स्कूल मे बच्चों को भेजने मे डर लग रहा है अविभावकों की माने तो  मिड डे मिल भोजनालय की छत पूर्ण रूप से टूट जाने के बाद अब एक कमरे में मिड डे मिल का भोजनालय एक में कार्यालय संचालित हो रहा है वहीं बच्चों को बहार बरामदे में बिठाकर पठन-पाठन काम संचालित हो रहा है।

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जरा बारिश होने पर बच्चों को पास के सी आर सी कक्ष में बिठाना पड़ता है। जिससे बच्चों का पठन पाठन सही ढंग से नही हो पाता है  इस बारे में कई बार अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया लेकिन  इस पर अभी तक कोई कार्रवाई होती नही दिखती क्या ऐसे में हो पाएगा देश के भविष्य का निर्माण।

80 के दशक में हुआ था स्कूल भवन का निर्माण कई  बार अधिकारियों को बताने के बाबजूद  जर्जर हो चुके भवन की नही ली गई सुध भवन के बरामदे मे  संचालित हो रहा पठन पाठन कार्य।

 

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