सहकारी चीनी मिल को चलाने की मांग को लेकर किसानों व राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने दिया धरना

रिपोर्ट- गुरनाम सिंह

सितारगंज। सितारगंज चीनी मिल चलाओ संघर्श समिति के बैनर तले किसानों ने उपजिलाधिकारी कार्यालय प्रांगण में धरना दिया। बाद में उपजिलाधिकारी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें कहा गया है कि दिसंबर 2017 में चीनी मिल को तब बंद कर दिया गया जब वह चलने को तैयार थी। कहा गया कि वर्श 1984 में षुरू हुई इस मिल में वर्श 1994 के बाद से सहकारिता के चुनाव नहीं कराये गए।

सितारगंज चीनी मिल

जिससे किसानों की सहभागिता खत्म हो गई। सरकार अपने प्रबंधन से मिल का संचालन करती रही। यदि मिल घाटे में गई तो उसके लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार है। ज्ञापन में कहा गया कि इस मिल से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिला था जो अब बेरोजगार हो गये हैं। मिल का विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण नहीं किया गया।

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मांग की गई कि की सहभागिता सुनिष्चित की जाये व गन्ने का भुगतान समय पर मिले। साथ पावर प्लांट व एथनाल प्लांट लगाने पर विचार कर मिल की क्षमता बढ़ाई जाए। चेतावनी दी गई कि यदि मांगें न मानी गई तो संघर्श तेज किया जायेगा।

 

 

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