थमने का नाम नहीं ले रहीं बैंकों में धोखाधड़ी, फिर हुआ इतने करोड़ का घोटाला

गाजियाबाद में फर्जी चेक से किए गए पौने तीन करोड़ रुपये से अधिक के भुगतान के मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने जांच में पांच बैंककर्मियों समेत 13 लोगों को दोषी माना है। ईओडब्ल्यू ने बैंक अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए बैंक के चीफ विजलेंस ऑफिसर को पत्र भेजा है। वहीं, धोखाधड़ी में लिप्त आठ अन्य लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

बैंकों में धोखाधड़ी

ईओडब्ल्यू के डीजी राजेंद्र पाल सिंह के अनुसार, वर्ष 2016 में गाजियाबाद के कविनगर में नरेश कुमार देसाई के कॉरपोरेशन बैंक के बचत खाते से 2,87,30,600 रुपये तीन फर्जी चेकों के माध्यम से निकाल लिए गए थे। जांच में सामने आया कि ये पैसे आरटीजीएस से जय मां स्टील के प्रोपराइटर राम कुमार सिंह और एचपी सेल्स के प्रोपराइटर विशाल शर्मा के खातों में ट्रांसफर किए गए।

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इन पैसों को हड़पने में विशाल शर्मा, अरविंद कुमार, कुलदीप, पवन भाटी, अनुज भाटी, संतोष गिरि, सुघड़ पाल सिंह और अरुण रावत शामिल रहे। उन्होंने बताया कि जल्द इन आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। इस लेन देन में कॉरपोरेशन बैंक के सीनियर मैनेजर अनिल शर्मा, मैनेजर नीरज नरुला, असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष कुमार, असिस्टेंट मैनेजर रश्मि पिल्लई और सिंगल विंडो ऑपरेटर श्रेष्ठा सैनी भी लिप्त रहे।

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