21 फरवरी को मोदी खोलेंगे अपना झोला, देश के लिए निकलेगी ये चीज…

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार लगातार ऐसे फैसले ले रही है जिसके जरिए वोटर्स को लुभाया जा सके. इसी के तहत सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों के खाते में 6 हजार रुपये की निश्चित रकम पहुंचाने का ऐलान किया. वहीं 5 लाख रुपये तक की कमाई करने वाले मध्‍यम वर्ग के लोगों को टैक्‍स छूट में राहत देकर करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को राहत दी गई. अब एक बार फिर 21 फरवरी को सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है. इसका फायदा देश के करोड़ों लोगों को मिलेगा. तो आइए जानते हैं कि आखिर क्‍या है वो तोहफा.

दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रॉविडेंट फंड (PF) पर ब्याज दर में इजाफा कर सकता है. न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 21 फरवरी को होने वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी सीबीटी की बैठक में पीएफ पर ब्याज दर को बरकरार रखने या बढ़ाने का प्रस्‍ताव आ सकता है.

सूत्र ने कहा, ” इस अटकल को पूरी तरह खारिज नहीं किया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिये ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.55 फीसदी से अधिक हो सकती है. ”बता दें कि 21 फरवरी को लेबर मिनिस्‍टर की अगुवाई में सीबीटी की बैठक होनी है. यह बॉडी ही पीएफ पर ब्याज दर की सिफारिश करती है.

आम तौर पर सीबीटी की सिफारिश को ही अंतिम रूप दिया जाता है. बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी. अगर सीबीटी की सिफारिश पर मुहर लगती है तो लगभग 6 करोड़ पीएफ अकाउंट होल्डर्स को फायदा मिलेगा.

ईपीएफओ ने 2017-18 में अपने अंशधारकों को पीएफ पर 8.55 फीसदी का ब्याज दिया. यह पिछले 5 साल में सबसे कम था. इससे पहले 2016-17 में 8.65 फीसदी और 2015-16 में 8.8 फीसदी का ब्याज मिला था. वहीं 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 फीसदी थी.

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सीबीटी की बैठक में ईपीएफओ द्वारा शेयर बाजार में किए गए निवेश की समीक्षा भी की जा सकती है. इसके अलावा नए फंड मैनेजरों की नियुक्ति पर भी विचार विमर्श होगा. बता दें कि वर्तमान में स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया फंड मैनेज करता है लेकिन मार्च के बाद बैंक प्रॉविडेंट फंड पीएफ के पैसे का प्रबंधन नहीं कर पाएगा.

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